प्रधानमंत्री आवास योजना में इस वर्ष काफी आवास सरेंडर कर दिए गए हैं. इस साल केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में यूपी को 1.53 लाख आवास आवंटित किए हैं. ग्राम्य विकास विभाग ने मई के अंत में सभी जिलों को 2011-12 की पात्रता सूची के अनुसार आवास आवंटित किए थे लेकिन 35 जिलों ने सरकार को 20180 आवास सरेंडर कर दिए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक इन जिलों में पात्रता सूची में शामिल परिवारों में से कुछ ने खुद आवास बना लिया है तो कुछ परिवार गांव छोड़कर चले गए हैं और कुछ वर्तमान में अपात्र हो गए हैं. ऐसे परिवारों के नाम पर आवंटित आवास सरेंडर किए गए हैं. सरेंडर आवासों को अब दूसरे चरण में पात्र परिवारों के लिए आवंटित किया जाएगा. हालांकि विभाग के सूत्रों का ये भी कहना है कि ये सरेंडर करने वाले लोग ज्यादातर वो हैं जिनका नाम 2011-12 की पात्रता सूची मे था और इस सूची में व्यापक धांधली की बात सामने आ रही थी.
दरअसल ये सूची प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार के वक्त बनाई गई थी. आरोप है कि इसमें मनमाने ढंंग से लोगों का नाम शामिल किया गया था. इस लिस्ट में ऐसे लोग भी शामिल किए गए थे जिनके पास पहले से अपने आवास थे. बाद में भाजपा सरकार ने ऐलान किया था कि जिसने भी फर्जी तरीके से आवास लिया है या फिर सूची में नाम डलवाया है उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा. ये आवास वापसी इसका भी नतीजा हो सकती है.
उत्तर प्रदेश को चालू वित्तीय वर्ष में 3.30 लाख आवास की आवश्यकता थी. केंद्र सरकार ने यूपी को 1,53,900 आवास दिए हैं. 20 हजार आवास सरेंडर होने के बाद अब प्रदेश को 1.56 लाख आवास की दरकार है. केंद्र सरकार से इतनी संख्या में आवास मिलने पर मार्च 2020 तक सभी परिवारों को आवास उपलब्ध हो जाएंगे. जिन जिलों मे आवास सबसे ज्यादा सरेंडर किए गये हैं, उनके नाम हैं-
बहराइच 3000
अमेठी 2238
जौनपुर 1632
बस्ती 1488
कानपुर देहात 1444
प्रतापगढ़ 1340
पीलीभीत 1276
अयोध्या 1143
प्रयागराज 1047
सिद्धार्थनगर 670