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अब पोस्टर में भी अखिलेश-माया साथ-साथ, सपा दफ्तर के बाहर दिखा यह नजारा

आपको बता दें कि यह पोस्टर समाजवादी पार्टी के नेता तारिक अहमद लारी की ओर से लगाया गया है. ऐसे में 2019 में सपा और बसपा को एक साथ लाने के लिए न सिर्फ उनके बड़े नेता बल्कि कई कार्यकर्ताओं की तरफ से भी प्रयास होता दिख रहा है.

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समाजवादी पार्टी के दफ्तर के बाहर लगा पोस्टर
समाजवादी पार्टी के दफ्तर के बाहर लगा पोस्टर

गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में जीत के बाद बुधवार शाम को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव बसपा सुप्रीमो मायावती के घर पहुंचे थे. वहीं अब समाजवादी पार्टी ऑफिस के बाहर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती का पोस्टर लगाया गया है. इसमें जीत के लिए गोरखपुर और फूलपुर की जनता को धन्यवाद दिया गया है, लेकिन पोस्टर में अखिलेश और मायावती एक साथ दिख रहे हैं.

आपको बता दें कि यह पोस्टर समाजवादी पार्टी के नेता तारिक अहमद लारी की ओर से लगाया गया है. ऐसे में 2019 में सपा और बसपा को एक साथ लाने के लिए न सिर्फ उनके बड़े नेता बल्कि कई कार्यकर्ताओं की तरफ से भी प्रयास होता दिख रहा है.

आपको बता दें कि इस गर्मजोशी शुरुआत गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में बसपा द्वारा प्रत्याशी नहीं उतारने और सपा के प्रत्याशी को समर्थन देने से हुई. वहीं दोनों उपचुनाव में सपा को जीत मिलने के बाद अखिलेश यादव ने भी मायावती से मिलकर उनका धन्यवाद दिया. दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक मुलाकात चली थी. मुलाकात के बाद अखिलेश या मायावती ने मीडिया से तो कुछ नहीं कहा, लेकिन इस मुलाकात के कई संदेश निकाले जा रहे थे.

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यूपी उपचुनाव में जीत के बाद न सिर्फ अखिलेश और मायावती के साथ आने के कयास लग रहे हैं, बल्कि 2019 के लिए महागठबंधन की कवायद भी तेजी पकड़ रही है. दोनों पार्टियों के बीच 2019 के लिए गठबंधन बनने के सवाल पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने स्पष्ट टिप्पणी तो नहीं की है, लेकिन उन्होंने जरूर कहा कि 'इस बारे में इंतजार करना चाहिए.'

उन्होंने पत्रकारों से कहा कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली जीत योगी सरकार के खिलाफ जनमत संग्रह है. रामगोपाल ने कहा था कि , 'मैं और मेरी पार्टी बसपा और उसके कार्यकर्ताओं के आभारी हैं कि उन्होंने इन उपचुनावों में सपा उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की. जहां तक 2019 के आम चुनाव का सवाल है तो सिर्फ इंतजार करना ठीक है.'

अखिलेश-मायावती की मुलाकात में दिखी थी गर्मजोशी

बता दें कि जैसे ही अखिलेश यादव मायावती से मिलने के लिए निकले, बसपा सुप्रीमो के घर से एक गाड़ी उनकी अगवानी के लिए भी पहुंची. यूपी की राजनीति में इन दोनों नेताओं की मुलाकात बेहद अहम है. क्योंकि इसी मुलाकात से 2019 के लिए रास्ता निकलेगा.

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