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वाराणसी: भैरव अष्टमी पर काटा 701 किलो का केक, 100 करोड़ वैक्सीनेशन के लिए PM मोदी को दिया धन्यवाद

इस बार खास यह था कि केक के जरिये पीएम मोदी को धन्यवाद 'थैंक्स टू पीएम मोदी' लिखकर किया गया था, क्योंकि सफलतापूर्वक कोविड के वैक्सीनेशन अभियान के जरिए 100 करोड़ डोज का लक्ष्य पार कर लिया गया है. 

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केक को बनाने में शुद्ध मेवा और फल का इस्तेमाल किया जाता है और बगैर अंडे के केक बनता है.
केक को बनाने में शुद्ध मेवा और फल का इस्तेमाल किया जाता है और बगैर अंडे के केक बनता है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वाराणसी में काटा गया 701 Kg का केक
  • 15 साल पहले शुरू हुई केक काटने की परंपरा
  • भैरव अष्टमी पर मनाया गया उत्सव

भैरव अष्टमी के दिन को काशीवासी भैरव भक्त बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाते चले आ रहे हैं. मान्यता है कि इसी दिन शिव के रौद्र रूप बाबा कालभैरव की उत्पत्ति हुई थी. इसी उपलक्ष्य में शनिवार को बाबा कालभैरव के दरबार में भक्तों ने 701 किलों का केक काटकर उनका जन्मदिन मनाया. इस बार भारी भरकम केक को 100 करोड़ वैक्सीनेशन को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद किया गया था.

काशी में डमरूओं की डमडम और पूरे वातावरण में कालभैरव बाबा की जय-जयकार का उद्घोष का नजारा पूरे वर्ष में सिर्फ एक दिन भैरव अष्टमी के पर्व पर ही देखने को मिलता है. जब दिनभर एक ओर मंदिर के पुजारियों की ओर से बाबा कालभैरव के जन्मदिन पर विशेष पूजन और अनुष्ठान चलता रहता है और मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है, तो वहीं ऐसे भी श्रद्धालु हैं जो हर वर्ष बाबा कालभैरव को पिछले वर्ष की तुलना में 50 किलो केक के वजन में वृद्धि करके अर्पित करते हैं और फिर यह केक भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है. लेकिन इस बार खास यह था कि केक के जरिये पीएम मोदी को धन्यवाद 'थैंक्स टू पीएम मोदी' लिखकर किया गया था, क्योंकि सफलतापूर्वक कोविड के वैक्सीनेशन अभियान 100 करोड़ डोज का लक्ष्य पार कर लिया गया है. 

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यह केक भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है.

मेवा और फलों का केक
केक बनाने वाले प्रिंस बताते हैं कि पिछले 15 साल से बाबा कालभैरव का जन्मदिन मनाते चले आ रहे हैं और हर साल केक के वजन में  50-50 किलो इजाफा करते हैं, क्योंकि लगातार भक्तों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. केक को बनाने में शुद्ध मेवा और फल का इस्तेमाल किया जाता है और बगैर अंडे के केक बनता है. 

15 साल पहले केक काटने की हुई शुरुआत 
15 साल पहले केक काटने की परंपरा की शुरुआत 1 किलो से हुई थी जो बढ़कर 701 किलो तक आ चुकी है. इस बार की थीम ' Thanks to Modi Ji 100 Crore #Largest Vaccine Drive' (100 करोड़ वैक्सीनेशन के डोज पूरे हुए हैं जिसके लिए पीएम मोदी को धन्यवाद बोलना चाहते हैं.) 

 

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