सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को गिराने की कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ रही है. लेकिन अब इन टावरों को तोड़ने में एक अड़चन पैदा हो गई है. दरअसल ट्विन टावर के बेसमेंट में बार-बार पानी भर रहा है. हालांकि, बेसमेंट में मोटर लगाकर कई बार पानी निकाला जा चुका है लेकिन उसके बाद भी पानी सूख नहीं रहा है. बड़ी समस्या ये भी है कि कंपनी के कर्मचारियों को पानी का सोर्स ही नहीं पता. मतलब पानी आ कहां से रहा है इसका पता अभी तक नहीं लगाया जा सका है. हालांकि कंपनी का दावा है कि वह जल्द ही इस समस्या का हल निकाल लेंगे.
बेसमेंट का पानी सूखना बेहद जरूरी
आपको बता दें कि बेसमेंट का पानी सूखना बेहद जरूरी है. बेसमेंट का पानी सूखने के बाद बेसमेंट को सबसे पहले मलबे से भरा जाएगा और उसके बाद पूरे टावर में विस्फोटक लगाया जाएगा. वहीं दूसरी ओर ट्विन टावर के बगल में बनी रेजिडेंशियल सोसाइटी के लोगों ने एक बार फिर से यह डर जताया है कि विस्फोट से ट्विन टावर को गिराने के बाद उनके फ्लैट को भी नुकसान हो सकता है.
ट्विन टावर को गिराने वाली कंपनी ने रेजिडेंशियल्स को एक बार फिर से आश्वस्त किया है कि उनके फ्लैट को कोई नुकसान नहीं होगा. ट्विन टावर को गिराने में और मलबा समेटने में अब जेसीबी की भी मदद ली जा रही है.
धूल के चलते रेजिडेंशियल सोसाइटी की तरफ लगाया ग्रीन नेट
हालांकि इस प्रक्रिया में अब धूल उड़ना शुरू हो गई है. इसको लेकर रेजीडेंट्स की शिकायत के बाद कंपनी ने अब रेजिडेंशियल सोसाइटी की तरफ ग्रीन नेट लगाना शुरू कर दिया है. फिलहाल 32 मंजिला ट्वीन टावर को तोड़ने में 200 से ज्यादा मजदूर लगाए गए हैं. एडिफिस एजेंसी ने 200 श्रमिक और इंजीनियर की टीम को लगाया है. ट्वीन टावर को गिराने में विदेशी इंजीनियर्स की भी मदद ली जा रही है.