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नोएडा में घर का सपना देखने वाले 25 हजार लोगों को बड़ी राहत

करीब दो साल से नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल (एनजीटी) के एक आदेश से बड़े-बड़े बिल्डरों के प्रोजेक्ट्स अटक गए थे. मंगलवार को एक ही झटके में एनजीटी के फैसले से लोगों को बड़ी राहत मिली है.

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करीब दो साल से नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल (एनजीटी) के एक आदेश से बड़े-बड़े बिल्डरों के प्रोजेक्ट्स अटक गए थे. मंगलवार को एक ही झटके में एनजीटी के फैसले से लोगों को बड़ी राहत मिली है.

दरअसल एनजीटी ने अपने ताजा फैसले में कहा है कि ओखला पक्षी विहार का सिर्फ 100 मीटर का दायरा ही इको सेंसेटिव जोन होगा. एनजीटी ने अक्टूबर 2013 के अपने उस फैसले को बदल दिया है जिसमें पक्षी विहार के 10 किलोमीटर के दायरे में निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था. गौरतलब है कि अधिवक्ता गौरव बंसल ने पिछले साल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर करके नोएडा के 50 से अधिक बिल्डिंग परियोजनाओं के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की थी.

साल 1990 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से ओखला पक्षी विहार के 10 किलोमीटर के दायरे को पर्यावरण की दृष्टि से अतिसंवेदनशील घोषित करने का आदेश देते हुए इस क्षेत्र में निर्माण पर रोक लगा दी थी. इसके बाद एनजीटी ने अप्रैल 2015 में सरकार से पक्षी विहार के आसपास के क्षेत्र को अतिसंवेदनशील घोषित करने का निर्देश दिया था. दिल्ली और यूपी सरकार ने महज 100 मीटर क्षेत्र को अतिसंवेदनशील घोषित करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा था. लेकिन पर्यावरण मंत्रालय की समिति ने इसे खारिज करते हुए केंद्र सरकार से ओखला पक्षी विहार के आसपास 1.2 किलोमीटर के दायरे को पर्यावरण के लिहाज से अतिसंवेदनशील घोषित करने को कहा.

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अब एनजीटी का फैसला है कि नोएडा में करीब पच्चीस हजार लोगों के आशियानें का सपना साकार होना तय हो गया है.

 

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