उत्तर प्रदेश कानून-व्यवस्था के बड़े संकट से जूझ रहा है लेकिन मुलायम अभी अपने मंत्रियों को फटकारने के मूड में नहीं हैं. रविवार को बैठक में उन्होंने प्रदेश सरकार के 57 मंत्रियों से कहा, 'मैं आप लोगों का इस्तीफा भी नहीं लूंगा और न ही सजा दूंगा. आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है.'
मुलायम की यह भाषा ऐसे दिन थी जब एक बीजेपी सांसद पर गोली चलाई गई, बरेली में एक बीजेपी नेता का शव बरामद हुआ, बदायूं में 32 साल की विवाहिता से गैंगरेप किया गया और एक मंत्री के चचेरे भाई को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया.
उपचुनावों में जीतने का संकल्प
छह घंटे चली बैठक में विकास से जुड़े मुद्दों पर हौसलाअफजाई का काम ही चलता रहा. पार्टी
प्रमुख ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की समीक्षा के लिए अखिलेश मंत्रिपरिषद के सभी
मंत्रियों के साथ बैठक की और उन्हें सूबे में विधानसभा की 12 सीटों के लिए होने वाले
उपचुनाव में सभी सीटें जीतने के संकल्प के साथ संघर्ष जारी रखने का निर्देश दिया.
सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खां ने बैठक के बाद संवाद्दाताओं के सवालों के जवाब में कहा, 'चुनाव की समीक्षा की गई. बैठक का एक ही निष्कर्ष रहा कि हमें विधानसभा के उपचुनाव में सभी सीटें जीतनी हैं.' लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 11 और अपना दल की एक विधायक संसद पहुंच गए हैं, जिसके बाद उनके इस्तीफे से खाली हुई इन सभी 12 सीटों पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव होना है. उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल सदस्य संख्या 403 की है, जिसमें से 12 सीटें खाली है और 221 पर सपा का कब्जा है.
इस्तीफा की आशंका से आजम का इनकार
राजनीतिक हलकों में चल रही इस कयासबाजी के बारे में कि लोकसभा चुनाव में मिली
शिकस्त के मद्देनजर सपा मुखिया मुलायम सरकार के कई मंत्रियों से इस्तीफे मांग सकते हैं,
खां ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, 'इस्तीफे की खबरें आप ही (मीडिया) देते हैं. आप जिसका
करा देंगे हो जाएगा. ये (खबरें) आप की तरफ से आ रही थीं. हम तो कुछ नहीं कह रहे.'
आजम ने पार्टी की बैठक में हुई चर्चा के बारे में और कोई जानकारी न देते हुए सिर्फ इतना
भर कहा कि ‘सत्य के लिए’ संघर्ष चलता रहेगा.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को करारी शिकस्त मिली थी और इसे उत्तर प्रदेश की 80 में से केवल पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इन सभी सीटों पर सपा मुखिया मुलायम और उनके परिवार के लोग ही चुने गये थे. मुलायम को आजमगढ और मैनपुरी सीट पर जीत मिली थी, जिनमें से उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी है.