उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने अपने बेतुका बयान से सियासी हलचल बढ़ा दी है. उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए ऐसा बयान दे दिया, जिसके बाद बीजेपी को पलटवार करना पड़ा. डॉक्टर एसटी हसन ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा की गई नाइंसाफियों चलते देश में दो बार बड़े तूफान आ गए और कोरोना के कारण हजारों लोगों की जान चली गई.
सपा सांसद ने कहा कि पिछले सात सालों में ऐसे कानून बनाए गए हैं, जिनसे शरीयत के साथ छेड़छाड़ की गई. दूसरा एक और कानून बना दिया गया है नागरिकता कानून, जिसके मुताबिक सिर्फ मुसलमान को नागरिकता नहीं मिलेगी. सरकार द्वारा किए गए ऐसे कामों से जो नाइंसाफियां हुईं, उसी के चलते ही देश मे दो बार बड़े तूफान (यास और ताऊते) आए हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते हजारों लोग मर गए, जब नीचे वाले इंसाफ नहीं करता तो ऊपर वाला इंसाफ करता है. आपने देखा नहीं इंसानों की लाशें कुत्ते खा रहे थे और लाशें नदियों में बहा दी गईं. श्मशानों में लकड़ियां कम पड़ गईं. आखिर कौन सी सरकार है ये? क्या सिर्फ बड़े लोगों के लिए ही है? आगे उन्होंने कहा कि जिस तरह की सरकार है और हाकिम है, उन्हें अंदेशा है कि आने वाले समय मे और भी आसमानी आफतें आ सकती हैं.
बीजेपी ने किया पलटवार
वहीं, सपा सांसद के बयान के बाद -उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि एसटी हसन के बयान से साफ होता है कि ये देश के संविधान में विश्वास रखने वाले लोग नहीं हैं. ये चाहते हैं "समाजवादी पार्टी जिताओ, शरीया कानून लाओ." इनकी बोली और आईएसआईएस की बोली एक सी है. एसटी हसन और समाजवादी पार्टी के नेताओं को नाइंसाफी इसलिए नजर आ रही है कि बरसाना में होली क्यों हो रही है? CAA का कानून क्यों आ रहा है देश में ? धारा 370 क्यों समाप्त कर दी गई कश्मीर में? अयोध्या में दीपोत्सव क्यों हो रहा है? प्रभु श्री राम जी का भव्य मंदिर क्यों बन रहा है? इनकी असल पीड़ा ये सारी हैं.