नागरिकता संशोधन एक्ट के मसले पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को CAA को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अगर अदनान सामी को भारत में पद्मश्री मिल सकता है तो पाकिस्तानी मुसलमानों को CAA के तहत पनाह क्यों नहीं दे सकती हैं.
मायावती ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा, ‘पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान सामी को जब बीजेपी सरकार नागरिकता व पद्मश्री से भी सम्मानित कर सकती है तो फिर जुल्म-ज्यादती के शिकार पाकिस्तानी मुसलमानों को वहां के हिन्दू, सिख, ईसाई आदि की तरह यहां CAA के तहत पनाह क्यों नहीं दे सकती है? अतः केन्द्र CAA पर पुनर्विचार करे तो बेहतर होगा.’
पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान समी को जब बीजेपी सरकार नागरिकता व पद्मश्री से भी सम्मानित कर सकती है तो फिर जुल्म-ज्यादती के शिकार पाकिस्तानी मुसलमानों को वहाँ के हिन्दू, सिख, ईसाई आदि की तरह यहाँ CAA के तहत पनाह क्यों नहीं दे सकती है? अतः केन्द्र CAA पर पुनर्विचार करे तो बेहतर होगा
— Mayawati (@Mayawati) January 28, 2020
बता दें कि CAA के मसले पर लगातार मायावती हमलावर है. बीएसपी की ओर से कहा गया है कि वह इस पीड़ितों का नागरिकता देने का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि धर्म के आधार पर जो नागरिकता दी जा रही है इसलिए इसके खिलाफ हैं.
अदनान सामी को मिला है पद्म पुरस्कार
बता दें कि पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान सामी को इस बार भारत सरकार की ओर से पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. अदनान सामी को कुछ साल पहले ही भारत की नागरिकता दी गई थी. अदनान सामी को पुरस्कार मिलने के बाद से विवाद खड़ा हो गया है.
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कई राजनीतिक दलों ने अदनान सामी के योगदान पर सवाल खड़े किए हैं और केंद्र सरकार के द्वारा उन्हें नागरिकता संशोधन एक्ट पर विवाद के बीच पुरस्कार से सम्मानित करने पर भी निशाना साध रहे हैं.
हालांकि, इसपर जो विवाद हुआ उसपर अदनान सामी ने जवाब में कहा कि उन्हें मिले सम्मान को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए, मुझे लगता है कि मैंने आर्ट के क्षेत्र में जो काम किया है ये उसी का सम्मान है. दरअसल, अदनान सामी के पिता पाकिस्तानी एयरफोर्स में रह चुके हैं उन्होंने भारत के खिलाफ साल 1965 में हुई जंग में हिस्सा लिया था.
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