लखनऊ शूटआउट के बाद यूपी की सियासत गरमा गई है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा है. उन्होंने इस पूरी घटना के लिए यूपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता राज बब्बर ने भी मुख्यमंत्री योगी पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इस गोलीकांड को लेकर मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए. सीएम योगी ने पुलिस की वर्दी में गुंडों की फौज पाल रखी है. कांग्रेस ने इसको लेकर लखनऊ में शाम साढ़े छह बजे धरना प्रदर्शन करेगी.
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने पूछा कि बीजेपी के लोग हिंदुस्तान को क्या बनाना चाहते हैं? उन्होंने कहा, 'योगी जी के राज में घबराइए कि आप लखनऊ में है.'
दरअसल, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके गोमती नगर विस्तार में शुक्रवार देर रात पुलिस कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी ने ऐपल के सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मार दी थी, जिसके चलते उनकी मौत हो गई. इस घटना को लेकर यूपी पुलिस कठघरे में आ गई है.
लखनऊ शूटआउट को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि योगी आदित्नाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए. इस पूरी घटना के लिए उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार जिम्मेदार है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, 'उत्तर प्रदेश में पुलिस ने एक आम आदमी की हत्या करके साबित कर दिया है कि भाजपा सरकार में ‘एनकाउंटर’ की हिंसात्मक संस्कृति कितनी विकृत हो गयी है. एक मल्टीनेशनल कम्पनी के एम्पलॉयी के मारे जाने से अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की निगाह में भी प्रदेश की छवि विकृत हुई है. निंदनीय. हार्दिक संवेदना.'
उप्र में पुलिस ने एक आम आदमी की हत्या कर के साबित कर दिया है कि भाजपा सरकार में ‘एनकाउंटर’ की हिंसात्मक संस्कृति कितनी विकृत हो गयी है. एक मल्टीनेशनल कम्पनी के एम्पलॉयी के मारे जाने से अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की निगाह में भी प्रदेश की छवि विकृत हुई है. निंदनीय. हार्दिक संवेदना!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 29, 2018
वहीं, कांग्रेस सांसद राज बब्बर ने इस घटना को शर्मनाक बताया है. इस पुलिस गोलीबारी को लेकर उन्होंने ट्वीट किया, 'मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए. लखनऊ में एक आम शहरी का एनकाउंटर कर दिया गया. मुख्यमंत्री ने पुलिस की वर्दी में गुंडों की फौज पाल रखी है. देश के गृहमंत्री के चुनाव क्षेत्र में भी आम आदमी सुरक्षित नहीं. प्रवचनकर्ता प्रधानमंत्री विवेक तिवारी के परिवार को क्या जवाब देंगे?'
मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए। लखनऊ में एक आम शहरी का एनकाउंटर कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने पुलिस की वर्दी में गुंडों की फौज पाल रखी है
देश के गृहमंत्री के चुनाव क्षेत्र में भी आम आदमी सुरक्षित नहीं। प्रवचनकर्ता प्रधानमंत्री विवेक तिवारी के परिवार को क्या जवाब देंगे ? pic.twitter.com/0fB8KyCnQ9
— Raj Babbar (@RajBabbarMP) September 29, 2018
वहीं, इस मामले में आरोपी दो पुलिस कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी पुलिसकर्मियों को नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया गया है. मामला गरमाने के बाद घटना की जांच के लिए यूपी के डीजीपी ने आईजी लखनऊ के नेतृत्व में SIT का गठन किया है, जो विवेक तिवारी हत्याकांड मामले की जांच करेगी. SIT में एसपी क्राइम और एसपी लखनऊ समेत अन्य को शामिल किया गया है. इस मुकदमे की विवेचना SHO महानगर करेंगे.
एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी ने बताया कि मजिस्ट्रेट जांच कराने के लिए लख़नऊ के डीएम से निवेदन किया गया है. एसएसपी ने बताया कि यह एक आपराधिक मामला है. इसलिए आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज करके सिपाहियों को जेल भेज दिया गया है. मामले में ADG L/O आनंद कुमार ने कहा कि यह एनकाउंटर नहीं है. पुलिस कर्मियों ने अपराध किया है. इस वारदात में शामिल दोनों सिपाहियों को जेल भेज दिया गया है.
वहीं, इस मामले को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुखअयमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी से बात की है. इस पर सीएम योगी ने उनको आश्वासन दिया कि मामले में प्रभावी ढंग से जांच की जाएगी.
Lucknow: Home Minister Rajnath Singh has spoken to CM Yogi Adityanath and DGP regarding the Gomti Nagar incident where a Lucknow resident Vivek Tiwari was shot at by a police constable. CM has assured that a judicious and an effective investigation is underway. pic.twitter.com/BiwcCKB9nI
— ANI UP (@ANINewsUP) September 29, 2018
उधर, इस मामले में मृतक का परिवार लगातार पुलिस पर सवाल उठा रहा है. मृतक की पत्नी कल्पना तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करने की मांग की है. उन्होंने कहा, 'मेरे पति का तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा, जब तक मुख्यमंत्री उनसे मुलाकात नहीं करते.' कल्पना तिवारी ने सीएम योगी को खत लिखकर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. साथ ही एक करोड़ रुपये मुआवजा मांगा है.