जानकारी के अनुसार मुहर्रम का चांद 20 अगस्त को देखा जाएगा, जिससे 21 अगस्त को मुहर्रम शुरू होगा और यौम-ए- आशूरा 30 अगस्त को होगा.
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मुहर्रम के इस महीने में सुन्नत वल जमात की ओर से बड़े पैमाने पर जलसे आयोजित किए जाते हैं, लेकिन इस साल कोविड-19 के प्रोटोकॉल और सरकार की गाइडलाइन को देखते हुए मुस्लिम संगठनों ने ऑनलाइन जलसे आयोजित करने का फैसला किया है.
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मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने लोगों से अपील की है कि कोविड-19 की वजह से इस बार लोगों ने इफ्तार और नमाज घरों में ही अदा की. उन्होंने कहा कि यह बीमारी काफी तेजी से फैल रही है. इसको ध्यान में रखते हुए इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने यह फैसला लिया है कि दारुल उलूम पहली मुहर्रम से 10वीं मुहर्रम तक होने वाले 10 दिवसीय जलसे को ऑनलाइन आयोजित करे.
उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील की है कि वे मुहर्रम के मौके पर सरकारी गाइडलाइन का पालन करें और सामाजिक दूरी का ख्याल रखें. बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले 4 महीनों से कई धार्मिक आयोजन अपने पारंपरिक रूप में नहीं हो पा रहे हैं.