रविवार के दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में नॉर्थ इंडिया के सबसे बड़े मॉल का उद्घाटन किया था, मगर उसी लुलु मॉल पर अब बवाल मचा है. बवाल इसलिए हुआ क्योंकि कुछ लोगों ने मॉल के भीतर नमाज़ पढ़ ली, अब हिंदू वादी संगठन मॉल के भीतर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पढ़ना चाहते हैं.
इस बीच लुलु मॉल में नमाज पढ़ने के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. ये एफआईआर लुलु मॉल प्रबंधन की शिकायत पर दर्ज की गई है. मॉल प्रबंधन का कहना है कि नमाज पढ़ने वाले अज्ञात लोग थे. उनका स्टाफ नमाजियों में शामिल नहीं था. पुलिस ने अज्ञात युवकों पर एफआईआर दर्ज की है.
उद्घाटन के बाद ही विवादों में लुलु मॉल
लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में बना लुलु मॉल उद्घाटन के बाद से ही विवादों में है. इसी मॉल के भीतर कुछ लोगों के नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ. मॉल के भीतर नमाज़ पढ़ने वालों का ये वीडियो किसी ने अपने मोबाइल से बनाया और ये वीडियो तेजी से वायरल हो गया.
अब मॉल के भीतर नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ तो हंगामा मच गया. हिंदू संगठनों को ये बात नागवार गुज़री.
उनसे रहा ही नहीं गया. उनसे बर्दाश्त ही नहीं हुआ कि मॉल के भीतर कोई नमाज कैसे पढ़ सकता है, लिहाजा हिंदू संगठन नमाज के जवाब में मॉल के भीतर सुंदरकांड पढ़ने के लिए निकल पड़े. खैर पुलिस ने इन्हें रोक लिया.
इस बीच आखिल भारत हिंदू महासभा ने तो सुशांत गोल्फ सिटी थाना में बाकायदा इस नमाज के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी है और पुलिस कह रही है कि जांच करके उचित कार्रवाई करेंगे.
मगर लुलु मॉल के भीतर नमाज पढ़ने की खबर हिंदू संगठनों के साथ साथ संतों-महंतों को भी नागवार गुजरी है. अयोध्या में हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास नाराज हो गए हैं. साथ में चेतावनी भी दी है कि अगर नमाज पढ़ने का सिलसिला चला तो मॉल के भीतर वो हनुमान चालीसा पढ़ने जाएंगे.
इसके साथ ही राजू दास आरोप लगा रहे हैं कि मॉल में जान बूझकर 80 फीसदी मुस्लिम लड़कों को रखा गया है और 20 फीसदी हिंदू लड़कियों को नौकरी दी गई है, जो साजिश की ओर इशारा कर रही है.
इन आरोपों पर लुलु मॉल के जीएम समीर वर्मा ने कहा कि हम किसी भी धार्मिक आयोजन का यहां पर परमिशन नहीं देते हैं और किसी भी ऐसे आयोजन का सपोर्ट क्यों नहीं करते हैं. वहीं लुलु मॉल के हायपर मार्केट के जीएम नोमान खान ने कहा कि हमारे यहां किसी भी वर्ग विशेष की भर्ती नही की जाती है.
जीएम नोमान खान ने कहा कि वॉक इन इंटरव्यू करके हमने लोगों को नौकरी दी है, हमारे यहां जो आउटलेट्स दिए गए हैं, उसमें भी किसी वर्ग विशेष को नहीं दिया गया है, ऐसे नहीं कहना गलत होगा कि हम हिंदू या मुस्लिम को देते हैं, हमारे यहां जो भी इंप्लॉयी काम करते हैं, उनके साथ किसी भी तरीके का पक्षपात नहीं किया जाता है.