
सरकारें विकास के दावे करती हैं लेकिन लोगों को स्वच्छ पेयजल भी कई इलाकों में नसीब नहीं हो रहा. इसकी वजह से लोग गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं. यूपी की राजधानी लखनऊ में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां गंदे पानी का सेवन करने से करीब दो दर्जन बच्चे बीमार हो गए. साथ ही एक महिला की भी तबीयत बिगड़ गई. बीमार बच्चों को उपचार के लिए निशातगंज के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां एक बच्चे की मौत हो गई. अन्य बच्चों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में हजरतगंज के पास बालू अड्डा इलाके के लगभग दो दर्जन बच्चों की तबीयत खराब हो गई. साथ ही एक महिला भी बीमार हो गई. एक बच्चे की मौत भी हो गई. बालू अड्डा इलाके के लोगों का आरोप है कि नल से आ रहे गंदे पानी के सेवन से बच्चों की तबीयत बिगड़ी.
लोगों के मुताबिक बच्चों को नजदीक के सिविल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. बालू अड्डा के निवासी हुसैन के करीब एक साल के बेटे की भी मौत हो गई. हुसैन ने बताया कि बच्चे को रात में उल्टी हो रही थी. सुबह उसको दवा खिलाया गया और फिर निशातगंज स्थित एक अस्पताल में दिखाया गया लेकिन बच्चा बच नहीं पाया और उसकी मौत हो गई.

पीड़ित पिता ने रुंधे गले से कहा कि अगले हफ्ते उसका जन्मदिन मनाया जाने वाला था लेकिन अब किसका जन्मदिन मनाएंगे. बालू अड्डा के एक अन्य बीमार बच्चे के पिता ने कहा कि रात में उसे फीवर आया और सुबह वह बेहोश हो गया. बालू अड्डा के पानी में ही खामी है. उन्होंने दावा किया कि सभी बच्चे पानी पीकर ही बीमार हो रहे हैं. लगभग 25 से 26 बच्चे हैं जिनकी तबीयत ठीक नहीं है.
वहीं, श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एसके नंदा ने बताया कि बालू अड्डे से हमारे यहां कुछ बच्चे आए थे. तीन बच्चे 8 तारीख को आए थे और आज 9 तारीख को 7 बच्चे हमारे अस्पताल में आए हैं. वहीं, एक गुड़िया नाम की 35 साल की महिला भी इमरजेंसी वार्ड में भर्ती है.
बीमार बच्चों का चल रहा उपचार
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर अभी तक 11 लोग आ चुके हैं. जो बच्चे आज आए हैं उनकी हालत थोड़ा गंभीर है. जो पहले आए थे, वे सब ठीक हैं. जो थोड़े गंभीर हैं उनका ट्रीटमेंट शुरू कर दिया गया है. जल्द ही वे नॉर्मल हो जाएंगे. डॉक्टर एसके नंदा ने आगे बताया कि हमारे यहां आने के बाद अभी तक किसी की कोई मौत नहीं हुई है. इससे पहले किसी की मौत हुई हो तो नहीं बता सकते. जो बच्चे आए हैं, उनकी उम्र 4 से 12 साल के बीच है. उनका ट्रीटमेंट चल रहा है जो उनकी स्थिति है वह खाने और पानी की वजह से हुई है. सीएमएस की मानें तो गंदा पानी और स्वच्छ भोजन न होने की वजह से बच्चों की ऐसी हालत हुई है.