उत्तर प्रदेश के पशुधन घोटाले के आरोपी आईपीएस अरविंद सेन ने अदालत में सरेंडर कर दिया है. बीते दिनों ही हाई कोर्ट ने आईपीएस अरविंद सेन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इस मामले में वह फरार चल रहे थे. पुलिस ने उन पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था.
आपको बता दें कि हजरतगंज थाने में दर्ज पशुधन विभाग में करोड़ों रुपए के ठेके दिलाने के नाम पर ठगी के मुकदमे में आईपीएस अरविंद सेन यादव आरोपी हैं. इस मामले में उनको निलंबित किया जा चुका है. गिरफ्तारी के डर से अरविंद सेन काफी दिनों से फरार चल रहे थे. कई महीनों की फरारी के बाद अरविंद सेन ने आज सरेंडर कर दिया.
क्या है पूरा मामला
अरविंद सेन पर पशुपालन विभाग में आपूर्ति के नाम पर इंदौर के व्यापारी से करोड़ों रुपये हड़पने के आरोपियों को बचाने के लिए 35 लाख रुपये लेने का आरोप है. इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू ने 13 जून को हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
इसमें कहा गया था कि अप्रैल 2018 में उनके छोटे भाई के दोस्त वैभव शुक्ला अपने साथी संतोष शर्मा के साथ इंदौर स्थित आवास पर आए और बताया कि पशुपालन मंत्री के करीबी और उपनिदेशक पशुपालन एसके मित्तल आपको पार्टी हित में गेहूं, आटा, शक्कर और दाल की सप्लाई का ठेका देना चाहते हैं.
ठेके के लिए आरोपियों ने मंजीत सिंह से 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपये की रिश्वत ली, लेकिन ठेका नहीं मिला. इसके बाद मंजीत भाटिया ने जब आरोपी पर दबाव बनाने लगा तो आशीष राय ने अरविंद सेन से मुलाकात की. अरविंद सेन ने मामला मैनेज करने के लिए 50 लाख रुपये मांगे, लेकिन डील 35 लाख में तय हुई, इसमें 5 लाख रुपये अरविंद सेन के खाते में जमा कराए गए और शेष पैसा बाद में नकद दिया गया.