पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खास हाथरस संसदीय सीट पर पिछले दो दशक से यहां पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का वर्चस्व रहा है और यह मुस्लिम-जाट वोटर बाहुल्य क्षेत्र है. बीजेपी की कोशिश इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखने की है. हाथरस सुरक्षित लोकसभा सीट पर बीजेपी के राजवीर दिलेर और समाजवादी पार्टी के रामजी लाल सुमन के बीच मुख्य मुकाबला है.
2014 में बीजेपी के राजेश कुमार दिवाकर को बड़ी जीत मिली थी. उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार को 3 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था. हाथरस लोकसभा सीट पर मतदान संपन्न हो गया है.
UPDATES...
- लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत गुरुवार को 11 राज्यों और एक संघ शासित प्रदेश में मतदान कराया गया. शुक्रवार दोपहर 3 बजे के अपडेट के अनुसार 12 राज्यों में 95 संसदीय सीटों पर 69.04 फीसदी मतदान हुआ. बंगाल में 80.72% मतदान हुआ. जबकि यूपी में 62.17 फीसदी वोटिंग हुई.

- लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत गुरुवार को उत्तर प्रदेश के 8 संसदीय सीटों पर मतदान कराया गया. पूरे प्रदेश में 62.30 फीसदी वोटिंग हुई. हाथरस लोकसभा सीट पर अंतिम अपडेट (शाम 6 बजे) होने तक 61.25 फीसदी वोटिंग हुई.
- लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत गुरुवार को 11 राज्यों और एक संघ शासित प्रदेश में मतदान कराया गया. 12 राज्यों में 95 संसदीय सीटों पर 66.21 फीसदी मतदान हुआ.
Voter turnout in 2nd phase of #LokSabhaElections2019:
Assam-76.22%
Bihar-62.38%
Jammu and Kashmir-45.5%
Karnataka-67.67%
Maharashtra-61.22%
Manipur-67.15%
Odisha-57.97%
Tamil Nadu-66.36%
Uttar Pradesh-66.06%
West Bengal-76.42%
Chhattisgarh-71.40%
Puducherry-76.19% pic.twitter.com/CfhR6VJuF0
— ANI (@ANI) April 18, 2019
- चुनाव आयोग के मुताबिक हाथरस सीट पर दूसरे चरण में कुल 61.25 फीसद वोट पड़े.
- हाथरस में शाम 5 बजे तक 58.17 फीसदी मतदान.
- हाथरस में दोपहर 3 बजे तक साढ़े 49 फीसदी मतदान.
- हाथरस लोकसभा सीट पर मतदान में तेजी, दोपहर 1 बजे तक 41.18 फीसद वोटिंग.
- हाथरस में 11 बजे तक साढ़े 25.94 फीसदी मतदान.
- हाथरस लोकसभा सीट पर सुबह 9 बजे तक साढ़े 12.30 फीसदी मतदान.
- सुबह से मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें..
90 के बाद बीजेपी की धूम
हाथरस संसदीय सीट पर 1962 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की थी. उसके बाद 1967, 1971 में भी यहां कांग्रेस का परचम लहराया. 1977 में चली सत्ता विरोधी लहर में भारतीय लोक दल ने जीत दर्ज की, जबकि 1984 में भी यहां कांग्रेस ने वापसी की. 1989 में हुआ चुनाव यहां जनता दल के खाते में गया था.
रामलहर के बाद बीजेपी का गढ़
90 के दशक में रामलहर के दौर में 1991 के बाद से ही यह सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रही है. 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में यहां बीजेपी ने जीत दर्ज की. इस दौरान बीजेपी के कृष्ण लाल दिलेर 1996-2004 तक सांसद रहे. 2009 में यहां राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की, हालांकि तब रालोद-बीजेपी का गठबंधन था. वहीं 2014 में तो बीजेपी के राजेश कुमार दिवाकर ने यहां से प्रचंड जीत दर्ज की.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में से एक हाथरस मुस्लिम-जाट वोटरों के प्रभाव वाली सीट है. यही कारण रहा कि बीजेपी-आरएलडी को यहां लगातार जीत मिलती रही. पिछले चुनावी आंकड़ों के अनुसार, यहां पर करीब 17 लाख से अधिक मतदाता हैं, इनमें से करीब 9.6 लाख पुरुष वोटर और 7.8 लाख महिला मतदाता हैं.
हाथरस लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा छर्रा, इगलास, हाथरस, सादाबाद और सिकंदरा राऊ सीटें आती हैं. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में सिर्फ सादाबाद में बसपा ने जीत दर्ज की थी, जबकि बाकी अन्य 4 सीटों पर बीजेपी ने झंडा लहराया था.
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