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लखीमपुर खीरी हिंसाः 4 दिन में एक भी गिरफ्तारी नहीं, पुलिस जल्दी एक्शन के मूड में नहीं, मंत्री-बेटा महफूज!

आशीष मिश्र पर हत्या की धारा 302 के साथ-साथ लापवाही से हुई दुर्घटना में मौत की धारा 304A भी लगाई गई है. FIR में दर्ज है कि कथित रूप से मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की तेज रफ्तार कार प्रदर्शन कर रहे लोगों पर चढ़ती देखी गई.

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lakhimpur incident
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • आशीष मिश्र की गिरफ्तारी में देरी पर उठ रहे सरकार पर सवाल
  • केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे पर हत्या की धारा में दर्ज है मामला

लखीमपुर खीरी में हुई इतनी बड़ी हिंसा के चार दिन बाद तक नाममात्र की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, जबकि इस मामले से जुड़ी एफआईआर में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्र का नाम प्रमुखता से दर्ज है. 

FIR की कॉपी में मंत्री के पुत्र आशीष मिश्र पर हत्या की धारा 302 के साथ-साथ लापवाही से हुई दुर्घटना में मौत की धारा 304A भी लगाई गई है. FIR में दर्ज है कि कथित रूप से मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की तेज रफ्तार कार प्रदर्शन कर रहे लोगों पर चढ़ती देखी गई.

पोस्टमॉर्मम रिपोर्ट पर संग्राम

FIR के मुताबिक,आशीष मिश्र ने फायरिंग की जिससे कथित तौर पर गोली लगने से किसान गुरविंदर सिंह की मौके पर ही मृत्यु हो गई, लेकिन गुरविंदर के पोस्टमार्टम में गोली लगने का कोई जिक्र नहीं आया तो उनके परिवारवालों की मांग पर तुरंत दोबारा पोस्टमार्टम करवाया गया. इसके बाद से पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी संग्राम छिड़ गया. 

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वहीं, मृतक सुखविंदर सिंह के पिता ने कहा कि उनके बेटे को गोली लगी है. गोली मंत्री के बेटे ने चलाई है लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट गलत बना दी गई. उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए. ऐसे बयानों के बाद अब कहा जा रहा है कि पुलिस कानूनी कार्रवाई को लेकर बिलकुल भी जल्दी में नहीं है. 

बेटे को दे चुके हैं क्लीनचिट...

वहीं, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र पहले ही अपने बेटे को क्लीनचिट दे चुके हैं. ऐसे में अब तक के घटनाक्रम के आधार पर मोटा-मोटी कुछ बातें लगभग स्पष्ट नजर आ रही हैं. पहली ये कि जब तक मंत्री जी के बेटे का घटनास्थल पर मौजूद कोई वीडियो बतौर सबूत सामने नहीं आ जाता तब तक ना तो मंत्री जी इस्तीफा देंगे और ना इस्तीफा मांगा जाएगा. दूसरी बात ये कि इस केस में ना किसी की गिरफ्तार जल्दी में होने वाली है.

SIT को केस सौंपने की तैयारी में व्यस्त

इधर, यूपी पुलिस SIT को केस सौंपने की तैयारी में व्यस्त है, लेकिन एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि दोनों पक्षों की तरफ से अभियोग दर्ज करवाए गए है. जो मामला दर्ज हुआ है, शासन द्वारा हाई-पावर्ड कमेटी को भेजा गया है. अब मामले की न्यायिक जांच होनी है. 

कुल मिलाकर पुलिस और शासन के रवैये से फिलहाल नामजद मंत्री के बेटे और वो खुद महफूज हैं. मंत्री अजय मिश्रा दिल्ली तलब होकर भी हाईकमान के एक्शन से बचे हुए हैं और.आशीष मिश्र लखीमपुर में ही रहकर अभी तक पुलिस के गिरफ्तारी से बचे हुए हैं.

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बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस हिंसा के बाद से विपक्षी जहां गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के इस्तीफे की मांग कर रहा है, वहीं बेटे आशीष मिश्र की गिरफ्तारी में देरी में सरकार पर सवाल उठ रहे हैं.

आजतक ब्यूरो


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