उत्तर प्रदेश के चुनाव में इस बार हर ग्रामीण इलाकों में अन्ना जानवारों की समस्या मुद्दा बनती जा रही है. कानपुर में कैबिनेट मंत्री सतीश महाना की ही जनसभा में अन्ना गायों का झुंड घुस गया, जिसका वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. सतीश महाना ने कहा कि अगर किसी ने जान बूझकर गायों का झुंड यहां भेजा होगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
दरअसल, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना की बुधवार को नारायणपुर गांव में जनसभा थी. ये सभा दोपहर दो बजे हो रही थी. इस दौरान गांव के दूसरी तरफ से अन्ना गायों का झुंड उनकी जनसभा में ही घुस आया. एकाएक गायों को देखकर मंत्री भी हड़बड़ा गए. मंत्री सतीश महाना ने कहा कि परेशान न होइए, जाने दीजिए.
तभी जनता के बीच से कुछ लोगों की आवाजें आने लगी कि इनको जानबूझकर एक समाज के लोगों की तरफ भेजा गया है, जिसको सुनकर मंत्री सतीश महाना कहने लगे कि अगर किसी ने जान बूझकर भेजी है तो उसको देख लेंगे, अगर गायें अपने मन से आई हैं तो गाय माता के दर्शन हो गए. इस मामले में अभी मंत्री सतीश महाना से बात नहीं हो पा रही है.
अन्ना गायों की समस्या बना चुनावी मुद्दा
यूपी सरकार बनने के बाद 2017 में योगी सरकार का सबसे बड़ा वादा था कि वह राज्य में लावारिस पशुओं की बेहतर देखरेख के लिए गौशालाएं बनाएगी और बेहतर प्रबंधन करेगी. सरकार का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और अब जब फिर से उत्तर प्रदेश नई सरकार चुनने के लिए तैयार है तो 5 साल पहले किए गए वो वादे जमीन पर कितने कारगर हुए हैं?
लावारिस पशुओं का आतंक पश्चिम उत्तर प्रदेश अवध और पूर्वी उत्तर प्रदेश इलाकों में ज्यादा देखने को मिलेगा. खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के सीमांत जिलों में स्थिति ज्यादा भीषण है. पशु जब तक धन होते हैं लोग उन्हें घरों में पालते हैं, लेकिन जब गाय दूध देने लायक ना रहे और बैल किसी काम के ना हों, तो लोग उन्हें आवारा छोड़ देते हैं.