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पत्रकार हत्याकांड: इलाहबाद HC ने राज्य सरकार से 7 दिनों के अंदर जवाब मांगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पत्रकार जोगेंद्र को कथित तौर पर जिंदा जलाए जाने के मामले में अदालत में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मंलवार को राज्य सरकार से सात दिनों के अंदर जबाब मांगा है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पत्रकार जोगेंद्र को कथित तौर पर जिंदा जलाए जाने के मामले में अदालत में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मंलवार को राज्य सरकार से सात दिनों के अंदर जबाब मांगा है.

इसके साथ ही इस मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कुछ निर्देश जारी किए हैं. ये निर्देश हैं:

1. राज्य सरकार इस मामले में जो जांच कर रही है, उसकी रिपोर्ट 7 दिन में अदालत में पेश करें.
2. जोगेन्द्र की मौत एक हत्या प्रतीत होती है, क्योंकि प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक जोंगेंद्र के स्थानीय पुलिस से रिश्ते अच्छे नहीं थे.
3. राज्य सरकार से 7 दिनों में जबाब मांगा कि क्यों न इस मामले की जांच सीबाआई से सकरवाई जाए.
4. सुनवाई की अगली तारीख 24 जून.
अदालत ने राज्य सरकार से ये भी पूछा है कि क्यों न इस मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए. अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 24 जून तय की है.

उधर, पत्रकार जगेंद्र सिंह की मौत के मामले में मंगलवार को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की तीन सदस्यीय टीम शाहजहांपुर पहुंच गई है. टीम के सदस्‍य मृतक पत्रकार के परिवार के लोगों से बातचीत कर रही है. मृतक के परिवार वाले आज भी धरने पर बैठे हैं. जांच टीम में प्रकाश दूबे, एसएन सिन्हा और डॉ. सुमन गुप्ता शामिल हैं.

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इस मामले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा है कि वह किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे. सपा सरकार गैरकानूनी काम बर्दाश्त नहीं करती है. अब तक इस मामले में दो अधिकारियों सहित पांच पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है. बता दें, एक जून को पत्रकार जगेंद्र सिंह को कथित तौर पर जिंदा जला दिया गया था.

मामले में यूपी के मंत्री राममूर्ति वर्मा पर संगीन आरोप लगे हैं. जोगेंद्र सिंह इस मंत्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर लगातार कैंपेन चला रहे थे. मरने से पहले मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए जगेंद्र के बयान का वीडियो वायरल होने के बाद से ही पूरे देश में इस घटना के विरोध में आवाज उठ रही है. मजिस्ट्रेट जगेंद्र का बयान लेने गए थे. वीडियो में जलने के कारण दर्द से कराहते जगेंद्र को यह कहते सुना जा सकता है, 'अगर मंत्री चाहते थे तो मुझे पीट सकते थे. मुझे जलाया क्यों?'

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