Gyanvapi Masjid case Hearing Live: वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले पर आज वाराणसी जिला कोर्ट और फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई. जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में मामले की पोषणीयता (मामला सुनने योग्य है या नहीं) पर सुनवाई हुई. इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें पेश कीं. मुस्लिम पक्ष ने हिंदुओं के दावे पर आपत्तियां दर्ज कराईं. कोर्ट ने सुनवाई को 4 जुलाई तक टाल दिया है. उधर, ज्ञानवापी को हिंदुओं को सौंपने की मांग वाली याचिका पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने मूल वाद की कॉपी सारे वादियों को देने के लिए कहा है. कोर्ट ने अगली सुनवाई 8 जुलाई को रखी है.
ज्ञानवापी परिसर की दीवारों पर मंदिर जैसी नक्काशी का दावा किया जा रहा है. पश्चिमी दीवारों पर नक्काशी देखी गई है. पहली बार सर्वे के दो विश्वसनीय वीडियो मिले हैं.
ज्ञानवापी से जुड़ा वीडियो सामने आया है. इसमें ज्ञानवापी की दीवारों पर कलाकृतियां देखी जा रही हैं. इसके साथ ही दीवारों पर त्रिशूल के चिह्न भी देखे जा रहे हैं.पहली बार तहखाने का ये वीडियो आया है.
बताया जा रहा है कि कुछ ही देर में हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी के सर्वे का वीडियो फुटेज मिल सकता है. याचिकाकर्ताओं ने अंडरटेकिंग हलफनामे में लिखा है कि मैं फोटो और वीडियो का दुरुपयोग नहीं करूंगी. लेकिन अपने अधिवक्ता को दे सकती हूं.
फास्ट ट्रैक कोर्ट में अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी.
ज्ञानवापी केस में वाराणसी की जिला कोर्ट में अब 4 जुलाई को सुनवाई होगी. इससे पहले सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें रखीं. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में हिंदू पक्ष के मुकदमे पर प्वाइंट टू प्वाइंट आपत्ति दर्ज कराई. अब इस मामले में 4 जुलाई को अगली सुनवाई होगी. अभी तक इस मामले में हिंदू पक्ष ने अपनी दलीलें नहीं रखी हैं.
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी को लेकर दायर याचिकाओं की पोषणीयता के मामले में आज जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई शुरू हो गई है. अभी मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें पेश कर रहा है.
उधर, ज्ञानवापी केस में विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से सीजेएम स्पेशल कोर्ट में नया प्रार्थना पत्र दिया गया है. इसमें ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग की गई है. विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन के मुताबिक, मसाजिद कमेटी वर्शिप एक्ट का उल्लंघन कर रही है. उन्होंने बताया कि इसे लेकर उन्होंने पिछले हफ्ते चौक थाने में कमेटी पर केस दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. लेकिन केस दर्ज नहीं किया गया. ऐसे में अब विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है.
फास्ट ट्रैक कोर्ट शाम 4 बजे इस केस में आगे की कार्यवाही तय करेगी. हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि पूजा का अधिकार तय करने पर शाम 4 बजे फैसला आएगा. मुस्लिम पक्ष को भी याचिका की प्रति सौंपी जाएगी. (इनपुट- रोशन जायसवाल)
विश्व वैदिक सनातन संघ की याचिका जिस पर पूरे ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को देने की मांग की गई है, उस याचिका पर फास्टट्रैक सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन में सुनवाई शुरू हो चुकी है.
इससे पहले आज तक से बातचीत में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि आज भी कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष अपनी बात रखेगा. उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि हिंदू पक्ष को आज मौका भी मिल पाएगा. उन्होंने कहा, हम छुट्टियों में भी बहस के लिए तैयार हैं.
विष्णु जैन ने कहा, ज्ञानवापी सर्वे का वीडियो पब्लिक रिकॉर्ड है सबके सामने आना चाहिए. सबका जानने का अधिकार है. यह सिर्फ पांच महिलाओं का केस नहीं है, जब रिपोर्ट सार्वजनिक है तो वीडियो और फोटो भी होनी चाहिए.
पिछले हफ्ते वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित एक नया वाद सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दर्ज कराया गया था. इसके कोर्ट ने फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र पांडे की अदालत में ट्रांसफर कर दिया था.
इस मामले की भी सुनवाई आज ही होनी है. इस नए मुकदमे में मुख्य रूप से तीन मांग की गई थी...
- पूरे ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित हो
- ज्ञानवापी मस्जिद पूरी तरह से हिंदुओं को सौंपी जाए
- बाबा विशेश्वर की पूजा तत्काल ज्ञानवापी परिसर में शुरू की जाए.
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी को लेकर दायर याचिकाओं की पोषणीयता के मामले में आज जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई होगी. इससे पहले शुक्रवार को कोर्ट ने मस्जिद पक्ष के वकीलों की दलील सुनी थी. माना जा रहा है कि आज भी कोर्ट वकीलों का पक्ष सुनेगा. इसके अलावा जिला जज सर्वे की कार्रवाई के दौरान की गई फोटो वीडियो रिकॉर्डिंग को वादी प्रतिवादी को भी उपलब्ध करा सकते हैं.
लेकिन मस्जिद पक्ष के वकीलों ने शुक्रवार को कोर्ट से ऐसा न करने की मांग की थी तो वही विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से डीएम को भी पत्र लिखकर यह मांग की गई थी कि एडवोकेट कमिश्नर के सर्वे के दौरान के फोटो वीडियो को उपलब्ध कराना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है.