उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की मिलक शाहबाद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की महिला विधायक राजबाला की सुरक्षा के लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान तैनात किए हैं. सुरक्षा में तैनात इन सरकारी गनरों ने विधायक दिलीप सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं. गनरों ने पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाते हुए कहा है कि उनकी तैनाती तो विधायिका की सुरक्षा में है लेकिन विधायिका के पति उनको अपनी सुरक्षा में रखते हैं साथ ही उनसे निजी काम कराने के लिए दबाव बनाते हैं. उनका शोषण किया जा रहा है.
गनर महेश कुमार ने कहा कि ''विधायक राजबाला का पति हमें उनके साथ जाने नहीं देते हैं. मुझे विधायक राजबाला के लिए भेजा था लेकिन हमें उनके पति ले जाते हैं. मैं दो-तीन बार उनके साथ मुरादाबाद भी गया वे हमसे पर्सनल काम करवाते हैं हमसे गेट खुलवाते हैं पर हमारे लिए कोई रहने की व्यवस्था भी नहीं है. महेश कुमार ने आगे कहा कि हमारे बिछे हुए टाट थे वे भी हटवा दिए बोले अपने पर्सनल बिस्तर लेकर आओ.''
मुकेश ने आगे कहा कि ''इतना ही नहीं उन्होंने शौचालय में भी ताला बंद कर दिया है और हमें शौच के लिए बाहर जाने के लिए कहते हैं. हमारे रहने की कोई भी व्यवस्था नहीं है. उनके पीआरओ से हमारी गेट खोलने को लेकर कुछ बात हुई थी. हमने गेट खोलने के लिए मना कर दिया तो उन के पीआरओ ने मेरी बाइक भी तोड़ दी . यह घटना कैमरे में भी कैद हुई है.''
पुलिस का कहना है कि विधायिका के सुरक्षाकर्मियों की शिकायत की जांच की जा रही है. सुरक्षाकर्मियों के आरोप बेहद गंभीर हैं और यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या महिला प्रधानों के पति जिस तरह से गांव में पत्नी को दरकिनार कर प्रधानी पर खुद कब्ज़ा कर "प्रधानपति" बन बैठते हैं और पत्नियों को रबर की मोहर की तरह इस्तेमाल करते हैं वैसे ही क्या महिला विधायकों के पति भी "विधायकपति" जैसा संवैधानिक पद बना बैठे हैं.