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बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर फिर होगी Formula-1 रेस, एक हजार करोड़ रुपये की दरकार, जानिए कहां फंसा पेच

यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में जेपी समूह को 2023 तक पूरा बकाया अदा करने का वक्त दे दिया गया है. कंपनी को रीशेड्यूल कराने के लिए 10% का भुगतान यानी 100 करोड़ यमुना अथॉरिटी में जमा करना होगा. 

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फिर शुरू हो सकती है फॉर्मूला वन रेस (फाइल फोटोः पीटीआई)
फिर शुरू हो सकती है फॉर्मूला वन रेस (फाइल फोटोः पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फिर शुरू हो सकती है फॉर्मूला वन रेस
  • 100 करोड़ रुपये यमुना अथॉरिटी में जमा करने होंगे
  • जेपी समूह को शर्तों के साथ आवंटन बहाली का मौका

ग्रेटर नोएडा के फॉर्मूला वन रेसिंग ट्रैक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (Buddh International Circuit) पर जल्द ही फर्राटा भरती हुई खूबसूरत कार नजर आएंगी. यमुना अथॉरिटी ने समय पर भुगतान ना होने के चलते बीआईसी (बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट) की जमीन का आवंटन रद्द कर दिया था, जिसके बाद कंपनी ने उत्तर प्रदेश सरकार और यमुना प्राधिकरण से दोबारा पुनर्विचार करने का आवेदन किया था. जिसके बाद अब शर्तों के साथ आवंटन बहाली का मौका जेपी समूह को मिल गया है. 

यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में जेपी समूह को 2023 तक पूरा बकाया अदा करने का वक्त दे दिया गया है. कंपनी को रीशेड्यूल कराने के लिए 10% का भुगतान यानी 100 करोड़ रुपये यमुना अथॉरिटी में जमा करने होंगे. 

दरअसल, जेपी समूह ने बकाया 1000 करोड़ के भुगतान के लिए 2030 तक का वक्त मांगा था. अथॉरिटी ने कंपनी को 2023 तक का ही वक्त दिया है. इसके बाद कंपनी को अगले 2 वर्षों में बाकी 900 करोड़ रुपये बराबर किस्तों में जमा करने होंगे. बोर्ड ने कंपनी को केवल 2 वर्ष का समय दिया है. अगर कंपनी शर्तों को मान लेती है तो फॉर्मूला वन रेसिंग ट्रैक, इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, 10 हाउसिंग प्रोजेक्ट का रास्ता साफ हो जाएगा. 

यमुना प्राधिकरण ने 12 साल पहले सन 2009 में जेपी समूह को 1000 हेक्टेयर जमीन का आवंटन किया था. इस परियोजना में देश का पहला फॉर्मूला वन रेसिंग ट्रैक बनाया गया था. वर्ष 2011, 2012 और 2013 में तीन फॉर्मूला वन रेस और कई दूसरी अंतरराष्ट्रीय रेस हो चुकी हैं. 

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यहां एक लाख दर्शक क्षमता का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनाया जा रहा था. जिसे ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट स्टेडियम से भी बेहतरीन बनाए जाने का दावा किया गया. इसी परियोजना में काउंटी होम वन, टू, क्रोम, ग्रीन क्रेस्ट होम, स्पोर्ट्स विला, कासिया, बुद्धा सर्किट स्टूडियो आदि हाउसिंग प्रोजेक्ट भी हैं. अभी ये परियोजनाएं फिलहाल अधर में लटकी हुई हैं.  

यह प्रोजेक्ट पूरे होते इससे पहले ही 12 फरवरी 2020 को जेपी स्पोर्ट्स कंपनी का आवंटन रद्द कर दिया गया था. प्राधिकरण के फैसले के खिलाफ जेपी समूह में हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी, जिसके बाद अदालत के आदेश पर प्राधिकरण में 100 करोड़ रुपए जमा कराने के बाद इस मामले को सुनने के लिए प्राधिकरण तैयार हुआ है.  यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि अगर कंपनी प्राधिकरण की शर्तों को मानती है तो आवंटन बहाल कर दिया जाएगा. 

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