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गाजियाबाद के तीन स्कूलों पर कार्रवाई, जयपुरिया पर लगा एक लाख का जुर्माना

बैलेस शीट नहीं जमा करने पर जिलाधिकारी ने वसुंधरा के जयपुरिया स्कूल पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जबकि डीएलएफ साहिबाबाद की मान्यता रद्द करने का निर्देश दिया गया है.

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जयपुरिया स्कूल (फाइल फोटो)
जयपुरिया स्कूल (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गाजियाबाद जिला प्रशासन का एक्शन
  • जयपुरिया समेत तीन स्कूलों पर कार्रवाई
  • डीएलएफ साहिबाबाद की रद्द होगी मान्यता

गाजियाबाद में प्राइवेट स्कूलों पर प्रशासन का चाबुक चला है. बैलेस शीट नहीं जमा करने पर जिलाधिकारी ने वसुंधरा के जयपुरिया स्कूल पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जबकि डीएलएफ साहिबाबाद की मान्यता रद्द करने का निर्देश दिया गया है. यह कार्रवाई डिस्ट्रिक्ट फीस रेगुलेटरी कमेटी के आदेशों का पालन नहीं करने पर हुई है.

जयपुरिया स्कूल और डीएलएफ साहिबाबाद पर कार्रवाई के अलावा सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से तीन दिनों में जवाब मांगा गया है. सभी स्कूलों से पूर्व में बैलेंस शीट मांगी गई थी, लेकिन इन स्कूलों ने बैलेंस शीट नहीं जमा की थी. इसके बाद जिला प्रशासन ने एक्शन ने एक्शन लेते हुए तीनों स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की है. 

दरअसल, स्कूलों की फीस को लेकर गाजियाबाद पैरेन्ट्स एसोसिएशन ने जिला प्रशासन को पांच सूत्रीय ज्ञापन दिया था. इसके बाद डीएम अजय शंकर पांडेय ने स्कूलों से उनकी बैलेंस शीट मांगी थी. जयपुरिया स्कूल ने अपना बैलेंस शीट नहीं दिया, जिसके बाद उस पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया.

इसके साथ ही डीएलएफ साहिबाबाद को डीएफआरसी आदेशों की अनदेखी का दोषी पाया गया था और उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जिसे स्कूल प्रबंधन ने जमा नहीं किया है. अब  स्कूल की मान्यता रद्द करने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से तीन दिनों में जवाब मांगा गया है. 

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इसके साथ ही डीएम अजय शंकर पांडेय ने शासन से अनुरोध किया है कि जो पैरेंट्स कोरोना काल में फीस माफी की मांग कर रहे हैं, उनसे आय प्रमाण पत्र या वेतन पर्ची ली जाए. उसके आधार पर ही उनके बच्चों की फीस में छूट या कमी करने पर विचार किया जाए.

 

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