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गाजियाबाद: पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन न कराने पर अब होगी सख्ती, डेटा हो रहा तैयार

अगर आपने अभी तक अपने पालतू कुत्ते का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, तो 31 मार्च से पहले-पहले करवा लें. गाजियाबाद प्रशासन जल्द ही रजिस्ट्रेश न करने वालों पर सख्ती करने जा रहा है. 31 मार्च के बाद रजिस्ट्रेशन शुल्क 1500 रुपए हो जाएगा.

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डॉग रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वालों पर होगी सख्ती
डॉग रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वालों पर होगी सख्ती
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन कराने पर शुल्क केवल 1000 रुपए
  • 31 मार्च के बाद रजिस्ट्रेशन शुल्क 1500 रुपए प्रति कुत्ता

गाजियाबाद नगर निगम अधिनियम के अनुसार, पालतू कुत्ते का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है. लेकिन डॉग रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले लोगों पर अब प्रशासन सख्ती के मूड में है. नगर आयुक्त महोदय के निर्देशानुसार गाजियाबाद नगर निगम सीमा में जिन लोगों ने पालतू कुत्ते रखे हुए हैं और रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उन पर प्रत्येक डॉग शुल्क 1000 रुपए को नियम अनुसार बढ़ाया जायेगा.

पालतू कुत्तों का डेटा तैयार करने के निर्देश

नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने कहा है कि गाजियाबाद नगर निगम में पालतू कुत्तों का डेटा तैयार कराया जा रहा है, जिससे गाजियाबाद नगर निगम को पालतू डॉग रिपोर्ट के अनुसार आगामी योजनाएं बनाने में सुविधा रहेगी. इसके लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश जारी किए जा चुके हैं.

रजिस्ट्रेशन नहीं होगा तो बढ़ जाएगा शुल्क

उप मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ अनुज कुमार सिंह ने कहा है कि जिन कुत्ता मालिकों ने 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन करा लिया, उनके लिए तो रजिस्ट्रेशन शुल्क केवल 1000 रुपए प्रति कुत्ता रहेगा, लेकिन 31 मार्च के बाद रजिस्ट्रेशन शुल्क 1500 रुपए हो जाएगा. जो लोग 1 मई तक अपने पालतू डॉग का रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे, उनके लिए प्रतिदिन 50 रुपए के हिसाब से शुल्क बढ़ता रहेगा. 

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ऑनलाइन करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन

डॉग रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है. Ghaziabad Nagar Nigam pet Registration एप पर जिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. साथ ही, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हेतु किसी भी जानकारी के लिए 7827459535, 8178016949 नंबरों पर संपर्क किया जा  सकता है. 

कुत्तों के लिए बनाया गया शवदाह गृह

गाजियाबाद में बेज़ुबानों के अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम ने बड़ी पहल की है. इसके तहत, प्रदेश में पहला स्वान शवदाह गृह तैयार किया गया है. गैस से चलने वाली इस मशीन में पालतू और आवारा कुत्तों का शव दाह किया जा सकेगा. आमतौर पर पालतू या आवारा कुत्तों को सड़क के किनारे और कूड़े के ढेर में फेंक दिया जाता है, जिससे दुर्गंध और संक्रमण का खतरा रहता है. कई बार नगर निगम के कर्मचारी भी कुत्तों की बॉडी उठाने में संकोच करते हैं. ऐसे में यह मशीन काफी अहम हो जाती है. पेट क्रिमेटर मशीन के लिए ₹9 लाख 89 हज़ार का फंड जारी किया गया था. इस मशीन को नगर निगम के नंद ग्राम के सामने, नंदी पार्क के पास स्थापित किया गया है. इसके लिए 500 देने होंगे, जबकि आवारा डॉगी के शवों का निशुल्क अंतिम संस्कार किया जाएगा. 

 

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