उन्नाव के डौंडिया खेड़ा में सोने के खजाने की आस में चल रही खुदाई को देखते हुए यूपी के दूसरे हिस्सों में मौजूद मंदिरों और किलों के नीचे सोना गड़े होने की संभावना में चोरों और स्थानीय लोगों की नजरें इनपर गड़ गई हैं. 19 अक्टूबर को फतेहपुर के गांव आदमपुर में गंगा के किनारे मौजूद एक मंदिर के चबूतरे को सोने की तलाश में जुटे चोरों ने खोद डाला.
इसी दिन बांदा के पिपरहरी इलाके में सोना-चांदी मिलने की आस में चोरों ने शिवराम बाबा के अति प्राचीन मंदिर की खुदाई करके उसे तहस-नहस कर दिया. पैलानी के जंगल के करीब महराजपुर खेर स्थित इस सैकड़ों वर्ष पुराने मंदिर में चोरों को सोना-चांदी भरे कलश और घड़े दबे होने की जानकारी मिली थी. ऐसा ही वाकया बहराइच का भी है.
यहां चरदा इलाके में मौजूद 155 साल का इतिहास समेटे चरदा किले के टीले में स्थानीय ग्रामीण पिछले चार दिनों से खुदाई कर रहे हैं.
हैरत की बात यह है कि किले का जिम्मा संभालने वाले प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है. चरदा राजा के वंशज दिनेश प्रताप सिंह ने इस संबंध में तहसील प्रशासन को पत्र लिखकर ग्रामीणों को खुदाई करने से रोकने की मांग की है.
किला स्थल पर खुदाई कर रहे ग्रामीणों को अभी तक लाखौरी ईंटों के अलावा कुछ और नहीं हासिल हुआ है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि इस बार कोई न कोई धातु जरूर निकलेगी. वर्ष 2004 में पुरातत्व विभाग, लखनऊ के अफसरों ने 11.5 एकड़ में फैले किले के एक हिस्से की खुदाई करवाई थी.
चरदा राजा जगजोत सिंह के वंशज दिनेश प्रताप सिंह बताते हैं कि इस खुदाई में काफी मात्रा में सोने के आभूषण, सोने के सिक्के, 147 साल पुराने चावल, मकान की दीवारें और दुर्लभ हथियार मिले थे.
इसके बाद पुरातत्व विभाग ने किले की सुरक्षा की जिम्मेदारी तहसील नानपारा को दी थी लेकिन समय के साथ इस किले की सुरक्षा खत्म हो गई. स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार कीमती धातु निकलने की आस में किले की खुदाई की है. इस बार भी ऐसा ही है. उधर, किले में खुदाई की जानकारी मिलने के बाद सोमवार को बहराइच प्रशासन ने मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया है.