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उत्तर प्रदेश के लखनऊ में फर्जी पुलिस

फर्जीवाड़े को पकड़ने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है, लेकिन पुलिस ही फर्जी हो तो क्या होगा. जी हां, ये समाजवादी उत्तर प्रदेश है, यहां कुछ भी हो सकता है. कहने का मतलब है कि यहां पुलिस भी फर्जी हो सकती है.

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फर्जीवाड़े को पकड़ने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है, लेकिन पुलिस ही फर्जी हो तो क्या होगा. जी हां, ये समाजवादी उत्तर प्रदेश है, यहां कुछ भी हो सकता है. कहने का मतलब है कि यहां पुलिस भी फर्जी हो सकती है.

दरअसल पूरा मामला है लखनऊ में कृष्णानगर के न्यू गोल्डेन सिटी इलाके का. बुधवार को खुलासा हुआ कि इलाके में नकली पुलिस चौकी चल रही है. चोर और ठग यहां नकली पुलिस वाले बनकर चोरी कर रहे हैं. हालांकि ये साफ नहीं हो पाया है कि ये फर्जी पुलिस चौकी कब से चल रही है.

इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब नकली पुलिसवालों ने एक वकील से भी पांच हजार रुपये ऐंठ लिए. इसकी जानकारी मिलते ही असली पुलिस अफसरों के होश उड़ गए हैं और छानबीन शुरू हो गई है.

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