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राजा भैया की पार्टी 'जनसत्ता दल' को चुनाव आयोग ने आवंटित किया चुनाव चिह्न, 'आरी' लेकर उतरेंगे मैदान में

साल 1993 से लगातार रघुराज प्रताप सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर कुंडा विधानसभा सीट से जीत रहे हैं. हालांकि 2018 में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अपनी पार्टी बना ली. अब उनकी पार्टी को चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न आवंटित किया है.

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रघुराज प्रताप सिंह  (File)
रघुराज प्रताप सिंह (File)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीते दिनों मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे थे राजा भैया
  • पूर्वांचल में दबदबा रखते हैं रघुराज प्रताप सिंह

उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव (Assembly elections) का बिगुल बज चुका है. ऐसे में सारी राजनीतिक पार्टियां लगातार अपना जनाधार मजबूत करने के लिए और चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कमरतोड़ मेहनत कर रही हैं. जहां सभी पार्टियों के प्रमुख अपनी-अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न पर वोट देने के लिए अपील कर रहे हैं. वहीं इसी बीच पूर्वांचल में दबदबा रखने वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी मैदान में सक्रिय दिखाई पड़ रहे हैं. रघुराज प्रताप सिंह की पार्टी को चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है.

ट्विटर हैंडल से साझा की जानकारी

राजा भैया ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए जानकारी साझा की कि चुनाव आयोग द्वारा जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को "आरी" चुनाव चिन्ह आवंटित हो गया है. हालांकि अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले 2022 विधानसभा चुनाव में राजा भैया की जनसत्ता दल लोकतांत्रिक क्या कमाल दिखाती है. क्या जनता आरी चुनाव चिह्न पर वोट देकर अन्य पार्टियों को सियासत में काटेगी या नहीं यह तो समय ही बताएगा.

बता दें कि राजा भैया अभी हाल ही में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव से भेंट करने उनके आवास पहुंचे थे. उनको जन्मदिन की बधाई दी थी, वहीं अखिलेश यादव प्रतापगढ़ में राजा भैया को पहचानने से इंकार कर दिए थे.

साल 1993 से लगातार रघुराज प्रताप सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर कुंडा विधानसभा सीट से जीत रहे हैं. हालांकि 2018 में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अपनी पार्टी बना ली. अब उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में राजा भैया अपने उम्मीदवार भी उतारेंगे, लेकिन कुंडा में ऐसा क्या है कि जनता हर बार राजा भैया को ही अपना विधायक चुनती है. अब जब रघुराज प्रताप सिंह खुद अपने उम्मीदवार यूपी के अलग-अलग हिस्सों में उतारेंगे, तो क्या उनपर भी जनता राजा भैया की तरह ही भरोसा दिखाएगी.

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