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रिटायरमेंट के बाद भी काम करते रहेंगे सरकारी डॉक्टर

यूपी के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार नई योजना लेकर आई है. इसके तहत अब सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे विशेषज्ञ डॉक्टर अपने पद पर बने रहेंगे. सरकार ने विशेषज्ञ डॉक्‍टरों को 65 वर्ष की उम्र तक सेवा विस्तार देने का फैसला किया है.

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यूपी के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार नई योजना लेकर आई है. इसके तहत अब सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे विशेषज्ञ डॉक्टर अपने पद पर बने रहेंगे. सरकार ने विशेषज्ञ डॉक्‍टरों को 65 वर्ष की उम्र तक सेवा विस्तार देने का फैसला किया है.

नई योजना के तहत प्रांतीय चिकित्सा सेवा में कार्यरत ऐसे डॉक्टरों के फिर से योगदान के लिए प्रशासन ने एक हजार पदों की रिक्तियां निकाली हैं. नियुक्ति के लिए प्रदेश के महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है.

समिति में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य द्वारा नामित विशेष सचिव व स्वास्थ्य विभाग के एक निदेशक भी बतौर सदस्य शामिल होंगे. गौरतलब है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या तो लगातार बढ़ रही है, लेकिन सेवानिवृत्ति के कारण डॉक्टरों की कमी होती जा रही है. खासतौर पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता न होने से गरीब मरीजों को आसानी से डॉक्‍टर उलब्‍ध नहीं हो पा रहे हैं.

ऐसे में लंबी मशक्कत के बाद सरकार ने रिटायरमेंट के बाद विशेषज्ञ डॉक्टरों को 65 साल की आयु तक पुनर्योजन पर नियुक्त करने का निर्णय लिया है. हालांकि इसमें कुछ बातों का भी ध्यान रखा जाएगा, जैसे डॉक्टरों की नियुक्ति की अवधि हर वर्ष गुण-दोष एवं स्वस्थता प्रमाण-पत्र के आधार पर 65 साल तक बढ़ाई जा सकेगी.

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