scorecardresearch
 

नवाबों के शहर लखनऊ पहुंची जानलेवा धुंध, प्रदूषण के लेवल ने रिकॉर्ड तोड़ा

राज्य प्रदूषण बोर्ड के चीफ एनवायरमेंटल ऑफिसर एस आर सचान का कहना है कि इसकी मुख्य वजह मौसम में बदलाव है. हवा की गति अचानक बेहद कम हो गई है, नमी बढ़ गई है और मौसम भी कुछ ठंडा हो गया है. इन तीनों कारणों के एक साथ हो जाने से शहर में हो रहा प्रदूषण यहीं पर अटका हुआ है.

Advertisement
X
दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण
दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण

देश की राजधानी दिल्ली में अपना कहर बरपाने के बाद जानलेवा धुंध अब नवाबों के शहर लखनऊ में पहुंच गई है. अब तक लखनऊ के लोग टीवी पर खबरों में देख रहे थे कि दिल्ली में किस तरह जानलेवा प्रदूषण हवा में धुंध की तरह छाया हुआ है. लेकिन रविवार से यहां भी हालत ये है कि शहर के लोग कहना भूल गए हैं मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं.

यूपी की राजधानी में सर्दियां अभी ठीक से शुरु भी नहीं हुई है लेकिन चारों तरफ धूल और धुंआ का कोहरा छाया हुआ है और दिन में ही शाम जैसा माहौल है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कोहरा नहीं बल्कि स्मॉग है.

रिकॉर्डतोड़ है इस बार प्रदूषण
लखनऊ में इतना प्रदूषण हाल फिलहाल में कभी रिकॉर्ड नहीं किया गया. प्रदूषण का रिकॉर्ड तोड़ते हुए लखनऊ में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम10) रविवार को 1200 तक पहुंच गया. सबसे खतरनाक माना जाने वाला पीएम 250, जिसे 60 के नीचे होना चाहिए वह रविवार को सुबह 9:00 बजे 633 तक पहुंच गया.

Advertisement

रविवार को दर्ज हुआ 350 पीएम प्रदूषण
आमतौर पर लखनऊ में पीएम 250 का लेवल 100 के आस-पास होता है लेकिन रविवार को पूरे दिन का औसत 350 के ऊपर था. प्रदूषण का ये स्तर दिवाली के दिन से भी ज्यादा है, दिवाली के दिन यह 300 से नीचे था. राज्य प्रदूषण बोर्ड के चीफ एनवायरमेंटल ऑफिसर एस आर सचान का कहना है कि इसकी मुख्य वजह मौसम में बदलाव है. हवा की गति अचानक बेहद कम हो गई है, नमी बढ़ गई है और मौसम भी कुछ ठंडा हो गया है. इन तीनों कारणों के एक साथ हो जाने से शहर में हो रहा प्रदूषण यहीं पर अटका हुआ है. विशेषज्ञ बताते हैं कि इस तरह के प्रदूषण से धरातल पर ओजोन बनने लगता है. वायुमंडल में ओजोन की छतरी हमें अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है, लेकिन धरातल वही ओजोन सेहत के लिए बेहद खतरनाक है.

समाजवादियों की रैली ने बिगाड़ा माहौल
पहले दिवाली उसके बाद शहर में अखिलेश यादव की रथयात्रा और उसके बाद समाजवादी पार्टी के रैली की वजह से हजारों अतिरिक्त गाड़ियां शहर में आईं, पूरे शहर में घंटों ट्रैफिक जाम लगा रहा जिससे स्थिति और बदतर हो गई. लेकिन लखनऊ ही नहीं राज्य की कई जिलों से इसी तरह के धुंध की खबर आ रही है. इसके बावजूद शहर में कई जगह कूड़ा जलाए जाने और गांव में कई जगह पर खेतों में आग लगाए जाने पर रोक नहीं लगाई जा सकी है. प्रदूषण रोकने के लिए सरकार तो कोई कदम उठाती नहीं दिख रही, लोगों को बस यही उम्मीद है की मौसम बदले तो शायद इस जहरीली हवा से कुछ राहत मिले.

Advertisement
Advertisement