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बच्चों की पढ़ाई ना छूटे, इसलिए किडनी बेचना चाहती हैं मां

आगरा में रहने वाली एक मां अपनी तीन बेटियों और एक बेटे की पढ़ाई जारी रखने के लिए अपनी किडनी बेचना चाहती है. इस मां ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर किडनी खरीदने की अपील की है.इस मां का कहना है कि वो सीएम से लेकर पीएम तक गुहार लगा चुकी हैं लेकिन कहीं से उसे मदद नहीं मिली. हर तरफ से थक-हार कर इस मां ने अपनी किडनी बेचने का फैसला किया. सिर्फ इसलिए कि उसके बच्चों की पढ़ाई जारी रह सके.

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किडनी बेचती मां
किडनी बेचती मां

'दुनिया में अगर आए हैं तो जीना ही पड़ेगा, जीवन है अगर जहर तो पीना ही पड़ेगा'...कालजयी फिल्म 'मदर इंडिया' में ये गाना नर्गिस पर फिल्माया गया था. 'मदर इंडिया' एक मां की कहानी थी जो अपने बच्चों को पालने के लिए कड़ी मशक्कत करती है. ये तो रील लाइफ की कहानी थी. रीयल लाइफ में भी एक मां को ऐसी ही दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. आगरा में रहने वाली ये मां अपनी तीन बेटियों और एक बेटे की पढ़ाई जारी रखने के लिए अपनी किडनी बेचना चाहती है. इस मां ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर किडनी खरीदने की अपील की है. इस मां का कहना है कि वो सीएम से लेकर पीएम तक गुहार लगा चुकी हैं लेकिन कहीं से उसे मदद नहीं मिली. हर तरफ से थक-हार कर इस मां ने अपनी किडनी बेचने का फैसला किया. सिर्फ इसलिए कि उसके बच्चों की पढ़ाई जारी रह सके.

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आगरा के रोहता क्षेत्र की रहने वाली आरती शर्मा के चारों बच्चे सीबीएसई के इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ते हैं. लेकिन चारों बच्चे पिछले तीन महीने से स्कूल नहीं जा रहे हैं. इसका कारण है स्कूल की फीस नहीं जमा होना. इस परिवार में सब कुछ सही चल रहा था. आरती के पति मनोज शर्मा का रेडीमेड का कारोबार था. इसी सिलसिले में उनका दिल्ली आना-जाना रहता था. मनोज के मुताबिक नोटबंदी के बाद से चेन टूट जाने की वजह से उनका कारोबार पूरी तरह बैठ गया. इसी के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. बच्चों की फीस भी जमा नहीं हो पाई तो स्कूल प्रबंधन ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.

आरती को 'शिक्षा के अधिकार' की जानकारी मिली तो उन्हें उम्मीद की किरण दिखाई दी. आरती को लगा कि बच्चों को शिक्षा मिलती रहेगी तो उनके भविष्य पर आंच नहीं आएगी. आरती ने इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों से मदद की अपील की लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई. आरती का दावा है कि वो अपनी व्यथा सुनाने के लिए लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वार तक पहुंची. आरती के मुताबिक उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात भी हुई और उन्होंने मदद का भरोसा भी दिया.

आरती का कहना है कि स्कूल की फीस को लेकर जब वो जिलाधिकारी से मिली थीं तो उन्होंने रुखा जवाब दिया था कि अपनी हैसियत के हिसाब से बच्चों को पढ़ाओ. प्रशासन की उदासीनता के बावजूद आरती ने हार नहीं मानी. आरती ने एक सामाजिक संगठन के जरिए सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर अपनी किडनी बेचने की पेशकश की है. ये पोस्ट वायरल हो गई है. आरती के चारों बच्चे पढ़ाई में होनहार हैं और क्लास में पोजीशन होल्डर रहे हैं. आरती के पति मनोज का कहना है कि सरकारी स्तर पर मदद पाने के लिए वो हर तरह के प्रयास कर हार चुके हैं. मनोज के मुताबिक उन्हें यहां तक कह दिया कि कुछ नहीं किया जा सकता, तुम्हें आत्महत्या करनी है तो कर लो. मनोज ने बताया कि इसी के बाद मेरी पत्नी ने किडनी बेचने का फैसला किया. मनोज ने कहा कि मेरी या पत्नी की किडनी कोई खरीद ले जिससे कि उनके बच्चों का आने वाला कल अंधकार में ना रहे.

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