देश में कोरोना की दूसरी लहर जरूर काबू में आ गई है लेकिन अब डेल्टा+ वेरिएंट सभी की चिंता बढ़ा रहा है. अभी तक देश में इस वेरिएंट के 40 मामले सामने आए हैं. कहा जा रहा है कि ये ज्यादा संक्रामक और खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में इस बार समय रहते सभी राज्य अपने स्तर पर तैयारी कर रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में भी डेल्टा+ से निपटने की तैयारी की जा रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम 9 को कई जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
सीएम योगी ने डेल्टा+ को बताया ज्यादा खतरनाक
उन्होंने कहा है कि देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट 'डेल्टा+' सक्रिय हो गया है. उत्तर प्रदेश को विशेष सतर्कता बरतनी होगी. विशेषज्ञों के अनुसार इस बार का वैरिएंट पहले की अपेक्षा कहीं अधिक खतरनाक है. राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति ने इससे बचाव के लिए विस्तृत अनुशंसा रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट के मुताबिक ये वेरिएंट बच्चों पर कहीं अधिक दुष्प्रभाव डालने वाला हो सकता है. विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप बिना देर किए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं. लोगों को सही जानकारी प्राप्त हो इसके लिए राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति के सदस्यों और दूसरे वरिष्ठ चिकित्सकों के माध्यम से जनजागरूकता का प्रयास किया जाए.
जीनोम सीक्वेंसिंग पर जोर
इस वेरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए सीएम योगी ने जीनोम सीक्वेंसिंग पर भी जोर दिया है. वे चाहते हैं कि अब प्रदेश में भी जीनोम सीक्वेंसिंगग की सुविधा प्रभावी हो सके. निर्देश में कहा गया है कि कोविड के डेल्टा+ वैरिएंट की गहन पड़ताल के लिए अधिकाधिक सैम्पल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाए. रेलवे, बस, वायु मार्ग से प्रदेश में आ रहे लोगों के सैम्पल लेकर सीक्वेंसिंग कराई जानी चाहिए. जिलों से भी सैम्पल लिए जाएं. रिजल्ट के अनुसार डेल्टा+ प्रभावी क्षेत्रों की मैपिंग कराई जाए. प्रदेश में जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा के लिए केजीएमयू और बीएचयू में आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाएं.
योगी आदित्यनाथ की लोगों से अपील
योगी आदित्यनाथ की तरफ से लोगों से खास अपील भी की गई है. उन्होंने कहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, मास्क लगाना अभी भी काफी जरूरी है. थोड़ी भी लापरवाही भारी साबित हो सकती है. बयान में बोला गया है- हमें यह समझना होगा कि वायरस से इस लड़ाई में सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है. डबल मास्क, सैनिटाइजेशन, दो गज की दूरी जैसे कोविड बचाव संबंधी व्यवहार को हमें अपनी जीवनशैली में शामिल करना ही होगा. भीड़भाड़ से बचें. थोड़ी सी भी लापरवाही, बहुत भारी पड़ सकती है.
सीएम ने टीकाकरण नीति पर भी विस्तार से चर्चा की है. उनके मुताबिक राज्य में तेज गति से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. अब जुलाई में रोज 10 लाख टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. वे कहते हैं- आगामी 1 जुलाई से हर दिन न्यूनतम 10 लाख लोगों को टीका-कवर देने के लक्ष्य के साथ काम किया जाए. विकास खंडों को क्लस्टर में बांटकर वैक्सीनेशन की हमारी नीति के अच्छे परिणाम मिले हैं. अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह एक तिहाई विकास खंडों में लागू है, 01 जुलाई से इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाए.
ऑक्सीजन जेनेरेशन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर
वैसे कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की भारी कमी देखने को मिली थी. उसे देखते हुए अब यूपी को इस दिशा में आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया जा रहा है. सीएम योगी ने भी बैठक के दौरान इस बात का जिक्र किया है. उन्होंने जानकारी दी है कि प्रदेश में कई ऑक्सीजन प्लांट लगने जा रहे हैं. वे कहते हैं कि उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन जेनेरेशन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है. कल 5 और प्लांट की स्वीकृति दी गई है. लगातार प्रयासों से अब 114 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं. भारत सरकार के सहयोग से पीएम केयर्स के माध्यम से निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लांट्स को 15 अगस्त तक क्रियाशील कर लिया जाए. मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी तैनात किया जाएं. प्लांट स्थापना से जुड़े कार्यों की सतत समीक्षा की जाए.
बैठक में सीएम योगी ने इस बात पर खुशी जाहिर की है कि अब राज्य में कोरोना काबू में आ गया है. रीकवरी रेट भी काफी बेहतरीन चल रहा है और संक्रमित मरीजों का आंकड़ा भी गिरता जा रहा है. अभी राज्य में कोरोना के कुल 3,423 सक्रिय मरीज रह गए हैं.