उत्तर प्रदेश पुलिस ने वाराणसी के एक गिरजाघर में तोड़फोड़ के मामले में 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. धर्म परिवर्तन के आरोप में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मंगलवार की शाम गिरजाघर इलाके में स्थित सेंट थॉमस चर्च पर हमलाकर तोड़फोड़ की गई. तोड़फोड़ के बाद हिन्दूवादी संगठनों के भगवाधारी युवकों ने धमकी भी दी.
इस मामले में किरकिरी होती देख अंततः पुलिस ने चर्च के पादरी एन. स्टीवन की शिकायत पर 40 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 452 और 427 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. साथ ही पुलिस अगली कार्रवाई में जुट गई है. पुलिस का कहना है कि अभी उपद्रव करने वालों की पहचान वीडियो फुटेज के आधार पर की जा रही है. पुलिस ने कहा कि आरोपियों की पहचान होते ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मालूम हो कि मंगलवार की शाम वाराणसी के गिरजाघर इलाके में स्थित सेंट थॉमस चर्च पर वाराणसी के पांडेयपुर निवासी युवक प्रवीण दुबे ने कुछ लोगों के साथ हमला कर दिया. चर्च के एक आनंद नाम के फादर पर 20 हजार रुपए का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने का प्रस्ताव रखने का आरोप लगाते हुए हिन्दूवादी संगठनों के भगवाधारी युवकों ने हमला किया.
इस दौरान चर्च का गेट बंद था लेकिन युवकों ने गेट पर लगे ताले को तोड़ दिया और अंदर प्रवेश कर गए. इसके बाद इन्होंने हंगामा और नारेबाजी की. हैरानी की बात है कि चर्च के बाहर खुद पुलिस वाले 24 घंटे बैठते हैं और चर्च के सामने भी मौजूद रहते हैं. लेकिन घटना के वक्त मौके पर कोई नहीं पहुंचा. पुलिस के नहीं आने पर 100 नम्बर पर शिकायत की गई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उपद्रवियों को भगाया.
घटना के बाद चर्च के फादर की शिकायत पर 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ दशाश्वमेध थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया. वहीं, दूसरी ओर उपद्रव करने वाले संगठन हिन्दू युवा शक्ति के पदाधिकारियों का कहना था कि वो किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़े हैं और उनका संगठन महज 3 साल पुराना है. लेकिन योगी आदित्यनाथ उनके आदर्श हैं और उनका संगठन 15 दिनों के अंदर वाराणसी में लगभग एक लाख 35 हजार हिंदुओं की घर वापसी कराएगा. वाराणसी में 122 मलीन बस्तियों में क्रॉस लग चुका है.