scorecardresearch
 

UP में अब देना होगा 'जल टैक्स', जानिए क्यों अब महंगा पड़ेगा नक्शा पास कराना और घर बनाना

उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में फैसला लिया है कि अब कोई भी भवन निर्माण कराता है तो नक्शा पास कराने के लिए 50 प्रति मीटर के हिसाब से जल शुल्क लिया जाएगा. यानी अब उत्तर प्रदेश में भवन निर्माण कराना महंगा हो गया है. इससे पहले कई जगहों पर जल शुल्क वसूला नहीं जाता था.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तर प्रदेश में अब आप अगर भवन निर्माण करा रहे हैं तो आपको ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में फैसला लिया है कि अब कोई भी भवन निर्माण कराता है तो नक्शा पास कराने के लिए 50 प्रति फुट के हिसाब से जल शुल्क लिया जाएगा. पहले यह शुल्क लखनऊ और बनारस में नहीं लिया जाता था लेकिन अब वहां भी लगेगा.

जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट बैठक में जल शुल्क नियमावली 2022 को मंजूरी दी गई है. अभी तक इसके लिए कोई नियम नहीं था. अगर बहु मंजिला बिल्डिंग का निर्माण कराते हैं तो सभी तलों और बेसमेंट को शामिल करते हुए कुल क्षेत्रफल के आधार पर प्रति मीटर 50 रुपये का जल शुल्क वसूला जाएगा. 

- एक बार यह शुल्क लिया जाएगा, जबतक निर्माण चलेगा.
- 50 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से लिया जाएगा.
- निर्माण वाले घर और बिल्डिंग में लिया जाएगा.
- जहां विकास प्राधिकरण नहीं है, वहां टैक्स नहीं लिया जाएगा.
- माना जाए अगर तीन महीने निर्माण होगा तो 50 रुपए वर्गफुट के हिसाब से टैक्स ले लिया जाएगा.

यही नहीं मौजूदा समय में निर्माण क्षेत्र से अतिरिक्त निर्माण करने पर भी जल शुल्क देना होगा. हालांकि सरकार ने यह भी कहा है कि जल शुल्क की दरें जो है हर साल 1 अप्रैल से आयकर विभाग के कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के आधार पर बार-बार पुनरीक्षित किया जाएगा.

Advertisement

यही नहीं अगर जल शुल्क की धनराशि 10 लाख तक है तो एकमुश्त भुगतान लिया जाएगा. इससे अधिक होने पर 10 लाख का भुगतान एकमुश्त और बाकी बचे पैसे चार अर्धवार्षिक किस्तों में 9 परसेंट ब्याज के साथ लिया जाएगा. हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि योजना के बाहर जल शुल्क नहीं लिया जाएगा.

जहां पर प्राधिकरण योजना के बाहर जलापूर्ति कर पाने में असमर्थ है, वहां शुल्क नहीं होगा. लखनऊ समेत कई विकास प्राधिकरण अभी जल शुल्क नहीं ले रहे हैं. लखनऊ में भवनों के प्लिंथ एरिया के आधार पर 124 से लेकर 926 रुपये प्रति माह तक और भूखंडों के क्षेत्रफल के आधार पर 490 से 3038 रुपये तक का शुल्क लिया जा रहा था.

मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में फैसला

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इनमें जल व अंबार शुल्क नियमावली-2022, उत्तर प्रदेश ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) नीति-2022 और टीडीआर (विकास अधिकारों का हस्तांतरण) उपविधि संबंधी प्रस्ताव थे.

मंजूर किए गए प्रस्तावों के संबंध में अधिकृत तौर पर तो कोई जानकारी नहीं दी गई लेकिन सूत्रों के अनुसार कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव पारित किए जाने से अब राज्य के किसी भी विकास प्राधिकरण क्षेत्र में भवन का नक्शा पास कराने पर एक जैसा ही जल व अंबार शुल्क देना होगा.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement