उत्तर प्रदेश चुनाव में अब नोटबंदी सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है. विपक्षी पार्टियां इसको लेकर मोदी और बीजेपी को घेरने में लगी हैं. शुक्रवार को जब मोदी के इस बयान के बारे में मायावती से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मोदी दरअसल गरीबों के लिए नहीं, बल्कि इस बात पर अपना दिमाग दौड़ा रहे हैं कि धनसेठों को फायदा कैसे पहुंचाया जाए.
बीजेपी और मोदी नोटबंदी को कालाधन से जोड़कर लोगों का समर्थन जुटाने में लगी है और लोगों से अपील कर रही है कि कुछ दिन की तकलीफ देश के खातिर वह बर्दाश्त कर लें. वहीं, समाजवादी पार्टी कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी नोटबंदी से हो रही तकलीफ़ों को लेकर बीजेपी को घेरने में लगी है. मायावती ने शुक्रवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि नोट बंदी की वजह से हो रही दिक्कतों से अब तक 100 लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन किसी को भी केंद्र सरकार ने कोई मदद नहीं पहुंचाई.
मायावती से जब मोदी के उस बयान के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह फकीर हैं. मायावती ने इस सवाल पर नाराज होते हुए कहा कि दरअसल मोदी फकीर नहीं, बल्कि बहुत बड़े मालदार आदमी हैं. उनका कहना था कि वह मोदी को मालदार आदमी इसलिए कह रही हैं, क्योंकि जो धनसेठ और पूंजीपतियों का संरक्षक हो, उसे भला और क्या कहा जाए.
बीजेपी नोटबंदी को भ्रष्टाचार से जोड़कर लोगों का दिल जीतने की कोशिश कर रही है. लेकिन, मायावती ने सवाल उठाया कि अगर केंद्र सरकार सचमुच भ्रष्टाचार को रोकने के लिए इतनी गंभीर है तो आज तक लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं की गई. मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने यह भी कहा कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वहां भी उन्होंने लोकायुक्त को पंगु बना कर रखा था.