यूपी विधानसभा का 16 सितंबर से शुरू होने वाले मानसून सत्र में विपक्षी पार्टियों ने सपा सरकार को घेरने की सारी तैयारियां कर ली हैं.
मुजफ्फरनगर में हुआ भीषण दंगा, आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए विपक्षी पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है. ऐसे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए जरूरी था कि वह अपनी सरकार के वरिष्ठतम सदस्य और संसदीय कार्य मंत्री आजम खान की नाराजगी दूर करे.
मुजफ्फरनगर के प्रभारी मंत्री के तौर पर आजम ने यहां हुए दंगों में प्रशासनिक लापरवारी का मुद्दा उठाते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की थी. इसी के चलते आजम ने 11 से 12 सितंबर तक आगरा में हुई सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिरकत नहीं की थी. हालांकि इस बैठक में महाराष्ट्र के सपा प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी, राष्ट्रीय महामंत्री नरेश अग्रवाल समेत कई नेताओं ने आजम को ज्यादा तूल न देने की बात रखी थी.
लेकिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को आजम की अहमियत का अंदाजा है इसीलिए उन्होंने 13 सितंबर को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आजम को मनाने भेजा. अखिलेश ठीक पौने चार बजे आजम के 3 विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी आवास पर पहुंचे. एक घंटे बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने मुजफ्फरनगर में हुए दंगों से निपटने में प्रशासनिक चूक पर चर्चा की.
अखिलेश ने आजम को भरोसा दिलाया कि 16 सितंबर से एक हफ्ते तक चलने वाले मानसून सत्र के बाद लापरवाह अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद आजम की नाराजगी दूर हुई.
मुलाकात के दौरान मानसून सत्र में विपक्ष के तीखे तेवरों से निपटने की रणनीति भी बनी. आजम ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि वह सदन के भीतर विपक्ष के मंसूबों को कामयाब न होने देंगे.