scorecardresearch
 

अयोध्या केस: मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज, हफ्ते में पांच दिन ही सुनवाई करेगा SC

इस महत्वपूर्ण मसले को सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक परंपरा तोड़ दी है. रोजाना सुनवाई के तहत हफ्ते में तीन दिन सुनवाई होती थी, लेकिन इस मामले की सुनवाई अब हफ्ते में पांच दिन होगी.

Advertisement
X
अयोध्या मामले की सुनवाई का चौथा दिन (फोटो: ANI)
अयोध्या मामले की सुनवाई का चौथा दिन (फोटो: ANI)

सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की रोजाना सुनवाई का आज चौथा दिन था. शुक्रवार को रामलला के वकील ने अपनी दलील अदालत के सामने रखी. इस दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने रोजाना सुनवाई पर आपत्ति जताई थी, लेकिन अदालत का कहना है कि मामले की सुनवाई ऐसे ही जारी रहेगी. यानी हफ्ते में पांच दिन ये मामला सुना जाएगा.

अगले हफ्ते फिर इस मामले की सुनवाई शुरू होगी. इस महत्वपूर्ण मसले को सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक परंपरा तोड़ दी है. रोजाना सुनवाई के तहत हफ्ते में तीन दिन सुनवाई होती थी, लेकिन इस मामले की सुनवाई अब हफ्ते में पांच दिन होगी.

शुक्रवार की पूरी सुनवाई के अपडेट:

04.00 PM: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले की रोजाना सुनवाई जारी रखेगा. जब राजीव धवन की बारी आएगी और उन्हें छुट्टी की जरूरत होगी तो उन्हें ब्रेक दिया जाएगा. अगले हफ्ते से सुनवाई फिर शुरू होगी.

Advertisement

03.20 PM: रामलला के वकील के. परासरण ने कहा कि ये मामला दशकों से लटका हुआ है, इसलिए इसका समाधान होना चाहिए. पुरातत्व विभाग के सबूत दिखाते हैं कि मस्जिद से पहले भी उस स्थान पर कुछ निर्माण था.

03.12 PM: रामलला के वकील के. परासरण ने अदालत को बताया कि रामायण में उल्लेख है कि सभी देवता भगवान विष्णु के पास गए और रावण के अंत करने की बात कही. तब विष्णु ने कहा कि इसके लिए उन्हें अवतार लेना होगा इस बारे में जन्मभूमि का वर्णन किया गया है और इसका महत्व है.

इसके बाद जस्टिस बोबड़े ने पूछा कि क्या इस वक्त दुनिया में रघुवंश का कोई वंशज मौजूद हैं? जिसपर के. परासरण ने कहा कि मुझे नहीं पता.

02.51 PM: रामलला के वकील ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं का उदाहरण दिया. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वकील से पूछा कि क्या रघुवंश का उत्तराधिकारी यहां पर मौजूद है?

12.35 PM: रामलला की तरफ से वकील के. परासरण ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू धर्म में स्वरूप जरूरी नहीं है. जन्मभूमि की पूजा तब भी की जाती थी, जब वहां पर कोई आकार नहीं था. उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष लगातार अदालत में गलत दावा नहीं कर सकते हैं.

Advertisement

10.40 AM: अयोध्या मामले की सुनवाई शुरू हो गई है. शुक्रवार को सुनवाई शुरू होते ही मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोर्ट के सामने अपील की गई है कि वह हफ्ते में पांच दिन सुनवाई के लिए कोर्ट की मदद नहीं कर सकते हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने कहा है कि ये सिर्फ एक हफ्ते का मामला नहीं है, बल्कि लंबे समय की दिक्कत है.

उन्होंने कहा कि हमें दिन-रात अनुवाद के कागज पढ़ने और अन्य तैयारियां करनी पड़ती हैं. इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि हमने आपकी बात सुन ली है, हम आपको बताएंगे.

8 अगस्त को अयोध्या मामले पर पूरी बहस यहां क्लिक कर पढ़ें...

सुप्रीम कोर्ट ने तोड़ी परंपरा

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर पूरे देश की नज़र है, ये मामला पिछले कई दशकों से अटका हुआ है. ऐसे में अबकी बार अदालत इसकी फाइनल सुनवाई कर रहा है और अब ये मामला एक तरह से फास्ट ट्रैक हो गया है. यही कारण रहा कि अदालत ने गुरुवार को कहा कि अब इस मामले की सुनवाई हफ्ते के पांच दिन की जाएगी.

13 अगस्त यानी मंगलवार की कॉज लिस्ट में इस मामले का नाम शामिल है. सोमवार को ईद पर अदालत की छुट्टी रहेगी, इसलिए अगले हफ्ते मंगल-बुध-गुरु और शुक्रवार को मामले की सुनवाई होगी. अभी तक रोजाना सुनवाई का मतलब हफ्ते में तीन दिन यानी मंगल-बुध-गुरुवार को होती थी.

Advertisement

7 अगस्त को अयोध्या मामले पर पूरी बहस यहां क्लिक कर पढ़ें...

रामलला के वकील ने रखे थे तर्क

गुरुवार को सुनवाई के दौरान रामलला के वकील के. परासरण ने अपने तर्क रखे. इस दौरान अदालत में सवाल-जवाब का सिलसिला चला. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और अन्य जजों की संविधान पीठ ने रामलला के वकील से कई तरह के सवाल पूछे. अपनी बात कहते हुए के. परासरण ने कहा कि रामजन्मभूमि उनके लिए एक सजीव है और वह उनकी पूजा करते हैं.

6 अगस्त को अयोध्या मामले पर पूरी बहस यहां क्लिक कर पढ़ें...

दरअसल, अदालत ने सुनवाई के दौरान पूछा था कि क्या रामजन्मभूमि भी गंगा की तरह एक इंसान हैं. जिसके जवाब में के. परासरण ने कई ऐतिहासिक और पौराणिक तथ्यों का जिक्र किया था. रामलला के वकील से पहले निर्मोही अखाड़ा भी अपने तर्क अदालत के सामने रख चुका है.

इस मामले की सुनवाई CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ कर रही है. इस पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं.

Advertisement
Advertisement