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राम मंदिर के लिए भूमि पूजन की तारीख का ऐलान होने से पहले साफ-सफाई शुरू

1992 से देशभर में पूजित होकर आईं और संभलकर रखी रामशिलाओं को भी क्रेन की मदद से शिफ्ट किया जा रहा है. वहीं, राम मंदिर निर्माण से पहले होने वाले भूमिपूजन की तारीख से पहले आसपास के स्थलों पर सफाई भी शुरू हो गई है.

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भूमि पूजन की तारीख का ऐलान आज (Photo- Aajtak)
भूमि पूजन की तारीख का ऐलान आज (Photo- Aajtak)

  • मंदिर निर्माण स्थल के आसपास की सफाई शुरू
  • जमीन की चौहद्दी का ब्योरा ट्रस्ट को दिया जाएगा

राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास की बैठक में रामलला मंदिर निर्माण से पहले होने वाले भूमिपूजन की तिथि और मुहूर्त तय होगा, लेकिन अयोध्या में निर्माण स्थल के आसपास साफ-सफाई का काम शुरू हो चुका है. न्यास के सूत्रों के मुताबिक, 66.77 एकड़ जमीन की फ्रेश माप होगी और चौहद्दी का ब्योरा ट्रस्ट को दिया जाएग, इसलिए झाड़ जंगल की सफाई और पुरानी जर्जर इमारतों या निर्माण को ध्वस्त किए जाने का काम शुरू हो गया, क्योंकि जल्दी ही भूमिपूजन का मुहूर्त तय हो जाएगा. उससे पहले बुनियादी तैयारियां पूरी कर ली जाएगी.

रामशिलाओं को शिफ्ट किया जा रहा

इस बाबत भूमि परिसर में 1992 से देशभर में पूजित होकर आई और संभलकर रखी रामशिलाओं को भी क्रेन की मदद से शिफ्ट किया जा रहा है. ट्रस्ट के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, भूमिपूजन समारोह में अयोध्या में आमतौर पर आने वाले तीर्थयात्रियों के अलावा कम से कम एक डेढ़ लाख भक्त, श्रद्धालु, आंदोलन में सहयोगी रहे लोग और अन्य लोग तो जुटेंगे ही, इसलिए हमें और प्रशासन को न्यूनतम इंतजाम इसी मुताबिक करने होंगे. मंदिर के लिए तय भूमि के अलावा पूरे परिसर में लोगों की आवाजाही के लिए सुरक्षित रास्ते भी बनाने हैं.

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भारतीय स्टेट बैंक में न्यास का खाता खुलने के बाद अब रामलला के चढ़ावे की पाई-पाई का हिसाब भी रखा जा रहा है. अब तक चढ़ावे की गिनती और धनराशि सुरक्षित जमा कराने की जिम्मेदारी मंदिर के पुजारी और प्रबंधक व रिसीवरों की थी. ये लोग हर महीने की पांच और 20 तारीख को चढ़ावे के गोलक और गल्ला खोलकर धनराशि की गिनती करते और जमा कराते थे, लेकिन अब नई व्यवस्था में बैंक के अधिकारियों की पैनी निगरानी और सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में चढ़ावे की धनराशि का हिसाब किताब रखा जा रहा है.

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बैंक के बख्तरबंद वाहन सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों के साथ चढ़ावे की धनराशि बैंक तक रोजाना ले जाएंगे. इस पूरी व्यवस्था के बारे में न्यास के सदस्य और अयोध्या के स्थायी निवासी अयोध्या राजकुल के वारिस विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र और होम्योपैथ डॉ. अनिल मिश्र ने अयोध्या में स्टेट बैंक के आला अधिकारियों से मिलकर सारी व्यवस्था तय कर दी है.

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