अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में लाठीचार्ज और हंगामे के मामले में राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. पूर्व छात्र मोहम्मद अमन खान ने हाई कोर्ट में अर्जी लगाई थी. इस पर हाई कोर्ट ने सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था.
याचिकाकर्ता मोहम्मद अमन खान ने कहा था कि पथराव बाहरी लोगों ने किया था. इस पूरे मामले की रिटायर आईपीएस अधिकारी से एसआईटी जांच की मांग की गई. जांच के लिए तीन रिटायर आईपीएस अधिकारियों के नाम का सुझाव भी दिया गया, जिसमें चर्चित आईपीएस अधिकारी विभूति नारायण राय का नाम शामिल है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल अलीगढ़ में विश्वविद्याल के बाहर उग्र विरोध प्रदर्शन का मामला सामने आया था. विरोध प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने शीतकालीन अवकाश की घोषणा कर दी थी.
विश्वविद्यालय ने 5 जनवरी तक शीत कालीन अवकाश रहने की घोषणा की थी, जिसे बुधवार एक आदेश जारी कर बढ़ा दिया गया है. हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय खुलने की तिथि की औपचारिक घोषणा अभी तक नहीं की है.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले ऐलान किया था कि 6 जनवरी को विश्वविद्याल खोल दिया जाएगा, लेकिन अब तारीख में बदलाव किया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी नोटिफिकेशन में साफ कहा गया है कि नई तारीख की सूचना बाद में दी जाएगी.
पुलिस पर हुआ था पथराव
पहले दावा किया जा रहा था कि छात्रों ने पुलिस पर पथराव किया था, जिसके बाद छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे. यह मामला 15 दिसंबर का है. उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद अलीगढ़ जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया था और जिले में इंटरनेट सुविधाएं रोक दी गई थीं.
एमयू प्रशासन ने छात्रों को छात्रावास खाली करने को कहा था, साथ ही कहा था जब तक आदेश न जारी किया जाए, छात्र वापस विश्वविद्यालय में न लौटें. ताजा नोटिफिकेशन में एएमयू प्रशासन ने छात्रों से कहा है कि छात्रावास तभी खुलेंगे जब परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा हो जाएगी और विश्वविद्याल की ओर से औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी. अब इस मामले पर एएमयू प्रशासन ने हलफनामा हाईकोर्ट में दाखिल कर दिया है.
(प्रयागराज से पंकज की रिपोर्ट)