सरकारी शिक्षा संस्थाओं में दस्तावेजों के रखरखाव में बरती जा रही घोर लापरवाही का इससे बेहतर उदाहरण नहीं मिलेगा. आगरा के अंबेडकर विश्वविद्यालय ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एमए का रिकॉर्ड खो दिया है.
मोदी सरकार में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण को इसकी जरूरत है लेकिन विश्वविद्यालय उपलब्ध नहीं करा पा रहा है. यह स्थिति तब है जब निर्मला सीतारमण कई बार इसके लिए संपर्क कर चुकी हैं.
बीजेपी प्रवक्ता रहते हुए निर्मला सीतारमण ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर डॉक्यूमेंट्री बनाने का काम शुरू किया. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से उनका एमए (पॉलिटिकल साइंस) का रिकॉर्ड मांगा. आठ महीने बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन रिकॉर्ड नहीं दे पाया है.
आखिरकार अधिकारियों के साथ कर्मचारियों ने रिकॉर्ड की उपलब्धता पर हाथ खड़े कर दिए है. वैसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने डीएवी कॉलेज, कानपुर से एमए (पॉलिटिकल साइंस) किया है. उन्हें आगरा विश्वविद्यालय (अब बीआर अंबेडकर विवि) से एमए पॉलिटिकल साइंस की सत्र 1946-47 की डिग्री दी गई. उन्हें डॉक्यूमेंट्री के लिए स्पष्ट रूप से पता करना था कि पूर्व प्रधानमंत्री ने एमए 1946 में किया है या 1947 में.