गुरुवार को लखनऊ में कैबिनेट की बैठक के बाद जब अखिलेश यादव से पूछा गया कि आजम खान के बयान को लेकर हंगामा मचा हुआ है और विपक्षी पार्टियां उसे दलितों के अपमान से जोड़ रही हैं, तो अखिलेश यादव ने उल्टा यह सवाल उठाया कि क्या यह सच नहीं कि बीएसपी के राज में जमीनों पर कब्जे हुए? उन्होंने कहा कि यह बात सबके सामने है कि बीएसपी की सरकार में जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे बर्बाद किए गए और एक के बाद एक कई स्मारक बनाए गए. पत्थर के हाथी बनाने पर जनता की कमाई लुटाई गई.
अखिलेश यादव ने कहा की इंदिरा प्रतिष्ठान की जमीन पर कब्जा हुआ और लखनऊ की ऐतिहासिक जेल जिसमें काकोरी कांड के क्रांतिकारियों को रखा गया था, उसको तोड़कर भी उसकी जगह स्मारक बनवा दिया गया. तीखी टिप्पणी करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव का मौसम है इसलिए हर तरफ महापुरुषों के ठेकेदार घूम रहे हैं और मीडिया को चाहिए कि किसी को ठेकेदार ना बनने दें.
गौरतलब है कि सोमवार को नगर विकास मंत्री आजम खान ने गाजियाबाद में हज हाउस के उद्घाटन के मौके पर यह टिप्पणी की थी कि जगह-जगह प्रदेश में एक आदमी की मूर्ति लगी है जो कहती है कि जिस जगह पर वह खड़े हैं वह तो उनकी है ही जिस ओर उंगली इशारा कर रही है वह जमीन भी उन्हीं की है. उनके इस बयान पर बीजेपी और बीएसपी ने कड़ा ऐतराज जताया और बीजेपी ने तो उस जगह-जगह धरना प्रदर्शन करके आजम खान के पुतले भी फूंके.
लेकिन गुरुवार को जब आजम खान से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने तल्ख अंदाज में जवाब दिया की अंबेडकर के बारे में उनसे पूछने वाले पहले गोडसे के बारे में जवाब दें. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग जितनी उनकी आलोचना करेंगे उतना ही उनका कद बड़ा होगा. आजम खान ने यह भी कहा कि RSS अखंड भारत की बात करती है लेकिन अगर उन्हें प्रधानमंत्री बना दिया जाए तो वह असल में अखंड भारत बना सकते हैं.