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नोएडा को 2 दागी अधिकारियों को हटाने का निर्देश

उत्तर प्रदेश में सपा सरकार को बड़ा झटका देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोएडा में अहम पदों पर बैठे दो दागी आईएएस अधिकारियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया.

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उत्तर प्रदेश में सपा सरकार को बड़ा झटका देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोएडा में अहम पदों पर बैठे दो दागी आईएएस अधिकारियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया.

अदालत ने सीबीआई को इन अधिकारियों की इन पदों पर नियुक्ति, उनकी कथित अनियमितताओं और 2001 से नोएडा में जमीन आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों में भी जांच करने का निर्देश दिया.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश अमिताभ लाला और न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार सिंह बघेल की खंडपीठ ने यह निर्देश भी दिया कि अधिकारियों राकेश बहादुर और संजीव शरण को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कहीं दूर स्थानांतरित किया जाए. दोनों अधिकारी क्रमश: नोएडा के अध्यक्ष और सीईओ के पदों पर कार्यरत हैं.

पीठ ने कहा कि क्षेत्र में उनकी मौजूदगी उनके खिलाफ लंबित जांच को प्रभावित कर सकती है.

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद और ‘विशेष अधिकारी’ नियुक्त किये गये दो वकीलों की रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आदेश जारी किया.

अदालत ने सीबीआई को यह भी निर्देश दिया कि छह महीने के भीतर जांच पर अपनी प्राथमिक रिपोर्ट जमा करे.

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सामाजिक संगठन माधव समाज निर्माण समिति की जनहित याचिका पर आदेश सुनाया गया जिसमें दोनों अधिकारियों की उक्त पदों पर नियुक्ति को चुनौती दी गयी थी.

दोनों ही नौकरशाह 2005-07 के दौरान इन्हीं पदों पर थे जब सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव राज्य के मुख्यमंत्री थे.

उनके कार्यकाल में जमीन को लेकर विवाद सामने आये. जमीन सौदों में धांधली के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ 2009 में तत्कालीन मायावती सरकार ने मामला दर्ज कराया. सरकार ने उन्हें करीब तीन साल तक निलंबित रखा.

हालांकि इस साल सपा सरकार के सत्ता में वापस लौटने के बाद दोनों अधिकारियों को इन्हीं पदों पर बहाल कर दिया गया.

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