तेलंगाना पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में एक और बड़ी कामयाबी मिली है. प्रतिबंधित CPI (माओवादी) संगठन के 37 अंडरग्राउंड कैडर, जिनमें 3 स्टेट कमिटी मेंबर (SCM) भी शामिल हैं, ने शुक्रवार को हथियार छोड़कर मुख्यधारा में वापसी कर ली. ये सभी कैडर पुलिस महानिदेशक की उपस्थिति में सरेंडर हुए.
सरेंडर करने वालों में 3 SCM, 3 DVCM/CyPCM, 9 ACM/PPCM और 22 पार्टी मेंबर शामिल हैं. इनमें से 7 कैडर ने AK-47, SLR, .303 और G3 राइफल समेत 8 हथियार और 346 राउंड जिंदा कारतूस भी पुलिस को सौंपे.
सीएम रेवंत रेड्डी की अपील का असर
तेलंगाना पुलिस द्वारा प्रेस रिलीज के मुताबिक कैडरों ने बताया कि वे तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की 21 अक्टूबर की अपील से प्रभावित हुए. मुख्यमंत्री ने माओवादियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने और राज्य के विकास में भागीदारी करने की अपील की थी. संगठन के अंदर विचारधारात्मक मतभेद, नेतृत्व में बढ़ती खींचतान, और पुलिस के लगातार प्रेशर के चलते वे अब हिंसा का रास्ता छोड़ने को तैयार हुए.
इन कैडरों ने कहा कि अब वे अपने परिवार, स्वास्थ्य और सम्मानजनक जीवन को प्राथमिकता देना चाहते हैं.
1.41 करोड़ रुपये का इनाम सौंपा गया
सरेंडर करने वाले कैडरों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत बड़ी आर्थिक मदद भी दी गई. SCM कैडरों पर 20-20 लाख रुपये का इनाम दिया गया. DVCM पर 5 लाख रुपये, ACM/PPCM पर 4 लाख रुपये, प्रत्येक पार्टी मेंबर पर 1 लाख रुपये और हथियारों के साथ सरेंडर करने पर MHA गाइडलाइंस के तहत अतिरिक्त इनाम भी मिला. कुल मिलाकर 1,41,05,000 रुपये की राशि इन कैडरों को चेक/डिमांड ड्राफ्ट के रूप में सौंपी गई.
2025 में अब तक 465 माओवादी सरेंडर
तेलंगाना पुलिस ने बताया कि 2025 में अब तक 465 माओवादी कैडर सरेंडर कर चुके हैं, जिनमें 2 सेंट्रल कमिटी मेंबर और 11 स्टेट कमिटी मेंबर भी शामिल हैं. संगठन की संरचना लगातार कमजोर हो रही है. नेटवर्क टूट रहे हैं, सपोर्ट बेस घट रहा है, नेतृत्व में आंतरिक कलह बढ़ रही है और सीनियर कैडर विचारधारा से नाराज हैं. लंबे अंडरग्राउंड जीवन से मोहभंग हो रहा है.
माओवादी संगठन पर बड़ा असर
तेलंगाना मूल के कुल 59 अंडरग्राउंड कैडर आज भी सक्रिय हैं, लेकिन उनमें से कई महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में ऑपरेट करते हैं. CPI (माओवादी) के 8 सेंट्रल कमिटी मेंबर में से 5 तेलंगाना के हैं, जो संकेत देता है कि शीर्ष नेतृत्व तक पुलिस की रणनीति का असर हो रहा है. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि जो भी माओवादी हथियार छोड़कर लौटना चाहते हैं, उन्हें पूर्ण सुरक्षा, सहायता और पुनर्वास मिलेगा.