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विश्व बैंक प्रमुख ने गुजरात के विकास मॉडल को सराहा

गुजरात के विकास मॉडल की सराहना करते हुए विश्व बैंक के मुखिया जिम योंग किम ने आज कहा कि यदि गुजरात माडल के आधार पर रैंकिंग दी जाए, तो व्यापार में भारत की स्थिति में 50 स्थानों का सुधार होगा.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

गुजरात के विकास मॉडल की सराहना करते हुए विश्व बैंक के मुखिया जिम योंग किम ने आज कहा कि यदि गुजरात माडल के आधार पर रैंकिंग दी जाए, तो व्यापार में भारत की स्थिति में 50 स्थानों का सुधार होगा.

उनका यह बयान भारत द्वारा व्यापार में सुगमता रिपोर्ट तैयार करने में इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न संकेतकों पर चिंता जताए जाने के बीच आई है. किम ने बुधवार को कहा कि यदि व्यापार करने की सुगमता के बारे में रिपोर्ट गुजरात के आधार पर की जाए, तो भारत की रैंकिंग में 50 का सुधार हो सकता है.

किम ने कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि नरेंद्र मोदी ने जैसे गुजरात में कारोबारी माहौल सुधारा है, अब यह कार्य देशभर में होगा. यदि ऐसा होता है तो व्यापार करने की सुगमता में भारत की रैकिंग में तेजी से सुधार होगा.'

विश्व बैंक समूह 2004 से व्यापार में सुगमता पर सालाना रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है। इसमें 189 देशों में व्यापार करने की स्थिति की सूचना होती है. रिपोर्ट के अनुसार भारत तीन पायदान खिसककर 134वें स्थान पर पहुंच गया है.

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किम ने इस बात को स्वीकार किया कि व्यापार करने के बारे में रिपोर्ट की कई वैध आलोचनाएं हैं. उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट पिछले 10 साल से आ रही है. उदाहरण के लिए एक शहर में सर्वेक्षण के बजाय हम दो शहरों में यह कर सकते हैं. यदि हमारे पास संसाधन हों तो हम इसे आगे बढ़ा सकते हैं. किम ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वह भारत के लिए मोदी की महत्वाकांक्षी दूरदृष्टि से काफी प्रभावित हैं.

इससे पहले, दिन में विश्व बैंक के अध्यक्ष ने मोदी के साथ मुलाकात की. इस बैठक में उन्होंने नई सरकार की सोच को समझने का प्रयास किया. किम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीन सबसे अधिक महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर जोर दिया. ये हैं कौशल, स्तर व गति. भारत वास्तव में कुछ उत्साहजनक चीजें करने का प्रयास कर रहा है. वह इसे बड़े स्तर पर तेजी से करना चाहता है. बाद में प्रधानमंत्री ने किम के साथ बैठक को काफी लाभदायक बताया.

मोदी ने कहा, 'हमने स्तर के महत्व पर बात की. स्तर पर काम करने की बात की जिससे लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके व उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके. हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां गति मायने रखती है. तेजी से क्रियान्वयन जरूरी है. विश्व बैंक की परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाने से निश्चित रूप से प्रभाव बढ़ेगा.'

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मोदी ने कहा, 'हमारी रचि डालर के बजाय विश्व बैंक ज्ञान व विशेषज्ञता में है.' उन्होंने कहा, 'मैंने किम को यह भी कहा है कि गंगा की सफाई विश्व बैंक के लिए काफी प्रेरक परियोजना होगी.' विश्व बैंक के प्रमुख ने कहा कि बैंक ने पहले की गंगा की सफाई के लिए एक अरब डालर की प्रतिबद्धता जताई है. जरूरत होने पर हम और धन उपलब्ध करा सकते हैं.

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