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What is NPR? जानें- आम जनगणना से कितना अलग है जनसंख्या रजिस्टर

What is NPR? काफी भ्रम है कि यह पॉपुलेशन रजिस्टर, नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स और नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटीजन्स से किस तरह से जुड़ा है. आइए हम तमाम सरकारी गजट नोटिफिकेशन, कानूनों और नियमों के द्वारा ऐसे तमाम भ्रम और मिथकों को समझते हैं.

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राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर कैबिनेट ने मुहर लगाई (फाइल फोटो-PTI)
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर कैबिनेट ने मुहर लगाई (फाइल फोटो-PTI)

  • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर कैबिनेट की मुहर
  • NPR को अपडेट करने के लिए दी गई अनुमति

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर मोदी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. सूत्रों के मुताबिक यह मंजूरी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी NPR को अपडेट करने के लिए दी गई है. फिलहाल, नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 (CAA)  को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है. कई इलाकों में हिंसा भी हुई है.

इस कानून को लेकर लोगों में काफी भ्रम की स्थिति है. साथ ही इसको लेकर भी काफी भ्रम है कि यह पॉपुलेशन रजिस्टर (PR), नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) और नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटीजन्स (NRIC) से किस तरह से जुड़ा है. आइए हम तमाम सरकारी गजट नोटिफिकेशन, कानूनों और नियमों के द्वारा ऐसे तमाम भ्रम और मिथक दूर करते हैं.

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बता दें कि 31 जुलाई, 2019 के गैजेट नोटिफिकेशन के साथ ही देश भर में एक नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस नोटिफिकेशन में कहा गया है: ‘सिटीजनशि‍प रूल्स 2003 (रजिस्ट्रेशन ऑफ सिटीजन्स ऐंड इश्यू ऑफ नेशनल आइडेंटिटी कार्ड्स) के नियम 3 के उपनियम 4 के अनुसार यह तय किया गया है कि जनसंख्या रजिस्टर (PR) को तैयार और अपडेट किया जाए, और असम के अलावा पूरे देश में घर-घर गणना के लिए फील्डवर्क किया जाए. इसके तहत 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 के बीच स्थानीय रजिस्ट्रार के दायरे में रहने वाले सभी लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी.

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इससे किसी का यह भ्रम दूर हो जाना चाहिए कि देश भर में एनआरसी लाने की घोषणा अभी तक नहीं हुई है. बस अंतर यह है कि इसे NRIC कहा जा रहा है और इसमें असम शामिल नहीं है. NRC अभी तक असम के लिए ही सीमित रहा है जो 1985 के असम समझौते के मुताबिक ही लाया गया था.

जनसंख्या रजिस्टर और NRIC परस्पर जुड़े नहीं हैं

गैजेट नोटिफिकेशन में कहा गया है कि NRIC की तैयारी की दिशा में पहला कदम ‘जनसंख्या रजिस्टर’ होगा. 2003 रूल्स के नियम 3 का उप-नियम (5) कहता है, ‘भारतीय नागरिकों के स्थानीय रजिस्टर में जनसंख्या रजिस्टर से उपयुक्त वेरिफिकेशन के बाद लोगों का विवरण शामिल होगा.

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PR/NPR और NRC/NRIC के बीच रिश्ता

गैजेट नोटिफिकेशन में यह बात भी साफ है कि जनसंख्या रजिस्टर (PR) के लिए घर-घर जाकर गणना ‘1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर, 2020’ तक की जाएगी. यह NRIC की दिशा में पहला कदम होगा. जैसा कि उप नियम (5) कहता है कि इसे जनसंख्या रजिस्टर से ‘उपयुक्त वेरिफिकेशन’ के बाद तैयार किया जाएगा.

क्या है जनसंख्या रजिस्टर और NRIC?

सिटीजनशि‍प (रजिस्ट्रेशन ऑफ सिटीजन्स एंड इश्यू ऑफ नेशनल आइडेंटिटी कार्ड्स) रूल्स 2003 में जनसंख्या रजिस्टर को इस तरह से परिभाषि‍त किया गया है: 'जनसंख्या रजिस्टर का मतलब यह है कि इसमें किसी गांव या ग्रामीण इलाके या कस्बे या वार्ड या किसी वार्ड या शहरी क्षेत्र के सीमांकित इलाके में रहने वाले लोगों का विवरण शामिल होगा.'

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NRIC के बारे में इसमें कहा गया है: ' नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटीजन्स का मतलब है कि इस रजिस्टर में भारत और भारत के बाहर रहने वाले भारतीय नागरिकों का विवरण होगा.'  NRIC को चार हिस्सों में बांटा जाएगा: (a) भारतीय नागरिकों का स्टेट रजिस्टर (b) भारतीय नागरिकों का डिस्ट्रि‍क्ट रजिस्टर (c) भारतीय नागरिकों का सब-डिस्ट्रिक्ट रजिस्टर और (d) भारतीय नागरिकों का स्थानीय रजिस्टर . 'इसमें वे विवरण होंगे जो केंद्र सरकार रजिस्ट्रार जनरल ऑफ सिटीजन्स रजिस्ट्रेशन की सलाह से निर्धारित करेगी. (नियम 3).

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एनपीआर और जनगणना में अंतर

NRIC प्रक्रिया में अगली बात कही गई है: 'भारतीय नागरिकों के स्थानीय रजिस्टर का प्रारूप तहसील या तालुका रजिस्ट्रार द्वारा प्रकाशित किया जाएगा, ताकि उसके बारे में लोगों की किसी तरह की आपत्ति या इसमें शामिल करने के अनुरोध को स्वीकार किया जाए... ' 2003 रूल्स के नियम 4 का उपनियम (6) (a).

जनगणना का ब्योरा जैसे लोगों का नाम, उनका पता या अन्य ब्योरा प्रकाशि‍त नहीं किया जाता या किसी भी अन्य प्रक्रिया के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता. इसके अलावा जनगणना एक अलग कानून (सेंसस एक्ट ऑफ 1948) के तहत किया जाता है. दूसरी तरफ, PR/NPR और NRIC को 1955 के सिटीजनशि‍प (संशोधन) एक्ट (2003 का CAA) और 2003 रूल्स के तहत किया जा रहा है.

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