कोरोना संकट के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक स्थानीय युवा नेता ने ऐसी मिसाल पेश की है, जो देश के बाकी हिस्सों के नेता अभी तक नहीं कर पाए हैं. 35 वर्षीय सत्यकाम पटनायक ने संदिग्ध कोरोना मरीज की मदद की. इस मरीज की मदद को कोई आगे नहीं आ रहा था और न ही इसे हॉस्पिटल पहुंचाया जा रहा था. सत्यकाम ने मरीज को हॉस्पिटल पहुंचाया.
मामला पश्चिम बंगाल के झरग्राम जिले के गोपीभल्लवपुर ब्लॉक नंबर-1 के शिजुआ गांव का है. इस गांव के एक मजदूर घर वापसी की. दूसरे प्रदेश से अपने गांव आने के बाद मजदूर बीमार पड़ गया और उसे बुखार, सर्दी-जुकाम की शिकायत हुई. वह हर किसी से अस्पताल पहुंचाने की गुहार करने लगा. कोरोना के डर से किसी ने भी उसकी मदद नहीं की.
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इसके बाद टीएमसी के युवा नेता सत्यकाम पटनायक ने मजदूर को हॉस्पिटल पहुंचाने का बीड़ा उठाया. सबसे पहले उन्होंने मार्केट से पीपीई किट खरीदा. इसके बाद मजदूर को अपनी बाइक की पिछली सीट पर बैठाया और उसके गोपीबल्लभपुर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल तक पहुंचाया.
पश्चिम बंगाल: तृणमूल यूथ कांग्रेस के नेता सत्यकाम पटनायक ने संदिग्ध कोरोना मरीज़ की मदद करने के लिए PPE किट पहनकर बाइक से उसे अस्पताल पहुँचाया @manogyaloiwal की रिपोर्ट
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— AajTak (@aajtak) August 13, 2020
सत्यकाम पटनायक ने कहा कि मैंने मजूदर को पूरी हिफाजत के साथ हॉस्पिटल पहुंचाने का निर्णय किया. हो सकता है कि वो कोरोना संक्रमित न हो, क्योंकि मौसम में तेजी से बदलाव आ रहा है और यह आम बुखार हो. सत्यकाम टीएमसी के गोपीबल्लभपुर ब्लॉक के अध्यक्ष हैं.
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सत्यकाम ने कहा कि समाज अब कोरोना मरीजों को छोड़ने में विश्वास करता है. यह सही नहीं है. एक व्यक्ति बीमार हो सकता है, इसलिए, हम गोपीबल्लपुरपुर ब्लॉक 1 युवा तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने फैसला किया है कि हम यथासंभव लोगों की मदद करेंगे. सत्यकाम को उम्मीद है कि लोग भी आगे आएंगे और जरूरतमंदों की मदद करेंगे.
झारग्राम की टीएमसी नेता उमा सोरेन ने कहा कि यह हमारे लड़ाके हैं और यह हमारी पार्टी है. मैं झारग्राम में रहने वाले सभी से अनुरोध करती हूं कि यदि आपको कभी कोई समस्या आती है, तो हमारे युवा सेनानियों और हमारी पार्टी से संपर्क करें और हम आपकी हर संभव मदद करने के लिए हमेशा तैयार हैं.
जिस शख्स को सत्यकाम पटनायक ने अस्पताल पहुंचाया, उसे बुखार की दवा देकर घर भेज दिया गया है, क्योंकि उसमें कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है. संदिग्ध मरीज के साथ पटनायक की सवारी भले ही सिर्फ 5 किलोमीटर की रही हो, लेकिन उन्होंने एक मिसाल कायम की है.