लाल किला के रखरखाव की जिम्मेदारी डालमिया ग्रुप को दिए जाने को लेकर विपक्ष 'लाल' हो गया है. कांग्रेस के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने लाल किला को डालमिया ग्रुप को दिए जाने के दिन को इतिहास का दुखद और काला दिन करार दिया है. उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार ऐतिहासिक लाल किला की भी देखरेख नहीं कर सकती है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ''मोदी सरकार हमारे ऐतिहासिक लाल किला की देखरेख क्यों नहीं सकती है? लाल किला हमारे राष्ट्र का प्रतीक है. यह वह जगह है, जहां स्वतंत्रता दिवस के दिन तिरंगा लहराया जाता है. इसको पट्टे पर क्यों दिया गया? यह हमारे इतिहास का दुखद और काला दिन है.''
Why can’t the Government even take care of our historic Lal Qila ? Red Fort is a symbol of our nation. It is where India’s flag is hoisted on Independence Day. Why should it be leased out ? Sad and dark day in our history
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 28, 2018
इसके अलावा कांग्रेस ने भी लाल किला को डालमिया ग्रुप को दिए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया है और मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा , ‘‘वे ऐतिहासिक धरोहर को एक निजी उद्योग समूह को सौंप रहे हैं. भारत और इसके इतिहास को लेकर आपकी क्या परिकल्पना है और प्रतिबद्धता है? हमें पता है कि आपकी कोई प्रतिबद्धता नहीं है, लेकिन फिर भी हम आपसे पूछना चाहते हैं.’’
उन्होंने मोदी सरकार से सवाल किया, ‘‘क्या आपके पास धनराशि की कमी है? भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के लिए निर्धारित राशि क्यों खर्च नहीं हो पाती. अगर उनके पास धनराशि की कमी है, तो राशि खर्च क्यों नहीं हो पाती है?’’
दरअसल, मोदी सरकार ने 'एडॉप्ट ए हेरिटेज' स्कीम के तहत लाल किला को डालमिया ग्रुप को पांच साल के लिए कॉन्ट्रेक्ट पर दे दिया है. डालमिया ग्रुप लाल किले पर हर साल करीब पांच करोड़ रुपए खर्च करेगा. इसमें लाल किले पर सुविधाएं को बढ़ाने और उसके सुंदरीकरण पर काम किया जाएगा. 'एडॉप्ट ए हेरिटेज' स्कीम राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पिछले साल पर्यटन दिवस के मौके पर शुरू की थी.