पश्चिम बंगाल के चिटफंड कांड ने सियासत के एक और बदनुमा चेहरे को बेनकाब किया है. चिटफंड कंपनी के एमडी की चिठ्ठी सामने आने के बाद तृणमूल के दामन पर भी छींटे पड़े हैं और कांग्रेस के कुछ नेता भी शक के घेरे में आ गए हैं.
पश्चिम बंगाल में लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने के आरोपी सुदीप्तो सेन की चिठ्ठी ने सियासत में खलबली मचा दी है. सुदीप्तों के ख़त में तृणमूल सांसद कुणाल घोष का सीधे-सीधे नाम लिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक सुदीप्तो ने अपनी चिठ्ठी में कहा है कि उसे कई राजनेताओं को नियमित तौर पर मोटी रकम अदा करनी पड़ती थी. उन्हीं में से एक हैं तृणमूल के राज्यसभा सांसद कुणाल घोष, जिन्हें हर महीने 16 लाख रुपए पगार की तरह देने पड़ते थे. केंद्र सरकार में कांग्रेस के एक मंत्री की वकील पत्नी और नॉर्थ ईस्ट के एक ताकतवर कांग्रेस सांसद को भी रकम चुकानी पड़ती थी.
कहा जाता है कि 9 अप्रैल को सुदीप्तो ने मन ही मन ख़ुदकुशी की तैयारी कर ली थी. उसी वक्त सुदीप्तो ने सारा कच्चा चिठ्ठा खोलने के इरादे से ये चिठ्ठी लिखी होगी.
सुदीप्तो की 18 पेज की चिठ्ठी के साथ एक लिस्ट है जिसमें 22 लोगों के नाम हैं. आरोप लगाया गया है कि ये लोग पैसे बनाने के लिए सुदीप्तो सेन का इस्तेमाल करते थे. इनमें से 5 नाम दिग्गज सियासी नेताओं के हैं. जिनमें तृणमूल कांग्रेस के 2 राज्यसभा सांसद और असम सरकार के एक मंत्री का नाम शामिल है.
चिठ्ठी के मसौदे पर यकीन करें तो शारदा रियल्टी के फर्ज़ीवाड़े में सियासी साठ-गांठ का पता चलता है. हालांकि, टीएमसी और कांग्रेस दोनों ही इन आरोपों को ख़ारिज़ कर रहे हैं.
इस बीच, कश्मीर के सोनमर्ग में मंगलवार को पकड़े गए सुदीप्तो और दूसरे आरोपियों को गांदरबल की अदालत में पेश किया गया. दूसरी तरफ़ सेबी ने भी शारदा रियल्टी के ऊपर अपना चाबुक चला दिया है और 3 महीने के भीतर सभी निवेशकों की रकम लौटाने के आदेश दिए हैं.