केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि केरल के तट से लगे अरब सागर में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी इतालवी सुरक्षाकर्मियों को वापस भारत भेजने से इटली के इंकार के बाद देश उसके साथ अपने संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा कर रहा है.
परिणाम भुगतने को तैयार रहे इटली: मनमोहन
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहले ही इटली के इंकार को अस्वीकार्य बता चुके हैं. उन्होंने कहा कि हमने इटली के साथ अपने संबंधों का अध्ययन शुरू कर दिया है. इसके बाद हम कोई भी कदम उठाएंगे, जो हमारे संबंधों के सभी पहलुओं को लेकर होगा. इस अध्ययन और इससे सामने आए नतीजों के आधार पर ही हम जवाब देंगे. प्रवक्ता ने हालांकि इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि इतालवी सुरक्षाकर्मियों को मतदान के लिए उनके देश जाने ही क्यों दिया गया?
इटली की इस दलील के जवाब में कि वह इस मामले का निपटारा अंतरराष्ट्रीय माध्यम से चाहता है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इटली को भारतीय सर्वोच्च न्यायालय से किया गया वादा पूरा करना होगा.
उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों के बीच संबंध या अंतरराष्ट्रीय न्याय का पहला सिद्धांत यह है कि समझौतों का सम्मान किया जाए और हम इटली से यही उम्मीद करते हैं.
धोखेबाज इटली के राजदूत को सरकार ने फटकारा
ज्ञात हो कि इटली के मालवाहक जहाज एनरिका लेक्सी के दो सुरक्षाकर्मियों- मेस्सिमिलानो लाटोरे तथा सेलवाटोरे जिरोने को सर्वोच्च न्यायालय ने उनके देश में 24-25 फरवरी को हुए चुनाव में मतदान के लिए जाने की अनुमति दी थी.
न्यायालय को बताया गया था कि वे चार सप्ताह के भीतर भारत लौट आएंगे, जहां उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है लेकिन भारत में इटली के दूतावास ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि सुरक्षाकर्मी नहीं लौटेंगे.
इससे पहले न्यायालय ने आरोपी सुरक्षाकर्मियों को क्रिसमस पर भी अपने देश जाने की अनुमति दी थी, जिसके बाद वे लौट आए थे. इटली के उक्त दोनों सुरक्षाकर्मियों पर 15 फरवरी, 2012 को केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका पर गोली चलाने का आरोप है. इस घटना में दो मछुआरों की मौत हो गई थी.