लगता है कि 'द सेंट्रल वक्फ काउंसिल' के हाथ जैकपॉट लग गया है. काउंसिल के पास अथाह संपत्ति होने का दावा किया गया है. अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, काउंसिल के पास दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई और बंगलुरु में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है.
सेंट्रल वक्फ काउंसिल राज्यों के वक्फ बोर्डों को रेगुलट करने वाली केंद्रीय संस्था है.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 'यह संपत्ति का न्यूनतम अनुमान है. सिर्फ कोलकाता में ही 62,000 करोड़ की संपत्ति है. दिल्ली में काउंसिल के पास 2464 बीघा जमीन है जिसकी कीमत 28,000 से 30,000 करोड़ रुपये तक हो सकती है.'
सेंट्रल वक्फ काउंसिल ने राज्यों के वक्फ बोर्डों से अपनी संपत्ति का मौजूदा कीमतों के मुताबिक आकलन करने को कहा था. इसके बाद ये चौंकाने वाले आंकड़े तब सामने आए हैं. यह अल्पसंख्यक मंत्रालय की पहल है, जिसके बाद नेशनल वक्फ डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NWDC) के गठन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री NWDC को एक ऐसी संस्था बनाना चाहते हैं जो वक्फ काउंसिल के खर्च, किराए, व्यावसायिक खर्च और प्रॉपर्टी के विकास को निजी साझेदारी के जरिये रेगुलेट करे.