दुर्गा शक्ति नागपाल निलंबन मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के दावों की कलई लगातार खुलती जा रही है. अब वक्फ बोर्ड भी दुर्गा के साथ खड़ा हो गया है. हजरत सैयद भूरेशाह कमेटी वक्फ बोर्ड ने कहा है कि मस्जिद की दीवार गिराकर माहौल खराब करने के आरोप बिल्कुल गलत हैं.
दुर्गा को ईमानदार अधिकारी बताते हुए बोर्ड ने सीएम से उनकी बहाली की मांग की है. इस संबंध में बोर्ड की ओर से गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया है.
वहीं मुलायम सिंह यादव के भाई और यूपी के लोकनिर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने मामले पर चौंकाने वाला बयान दिया है. बलिया में शिवपाल ने कहा कि कुछ पार्टियों ने दंगा कराने की साज़िश रची थी. उसी साज़िश के तहत दुर्गा नागपाल ने मस्जिद की दीवार गिरवाई. शिवपाल ने कहा कि कई शिकायतें मिलने के बाद अखिलेश यादव ने दुर्गा के खिलाफ़ एक्शन लिया. शिवपाल ने कहा कि अखिलेश जो भी करते हैं सोच समझकर करते हैं.
राज्य सरकार का दावा आजतक के स्टिंग ऑपरेशन से भी बेनकाब हुआ है. आजतक ने खुलासा किया है कि जिस कादलपुर गांव में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का मामला बताकर दुर्गा को कसूरवार ठहराया जा रहा है, वहां किसी तरह का सांप्रदायिक तनाव कभी था ही नहीं. आजतक की टीम ने खुफिया कैमरे पर लोगों से बात की और गांव वालों ने खुद माना कि ग्राम समाज की जमीन पर मस्जिद का निर्माण करना गलत था.
दुर्गा के निलंबन के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने कल लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया और यूपी सरकार पर रेत माफिया से मिलीभगत के आरोप लगाए. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उनके साथ मारपीट की.