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विदिशा मैत्रा: जिन्होंने 5 मिनट में उड़ा दी इमरान खान के 50 मिनट के भाषण की धज्जियां

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के झूठ को भारत ने कुछ ही घंटों में ध्वस्त कर दिया. इमरान खान के प्रोपेगैंडा को बेनकाब करने की जिम्मेदारी भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अपनी सबसे नई ऑफिसर विदिशा मैत्रा को दिया. विदिशा मैत्रा UN में भारत की प्रथम सचिव हैं और यूएन मिशन में वो भारत की सबसे नई अधिकारी हैं. 

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विदिशा मैत्रा को सिविल सर्विस में 39वां रैंक मिला था.
विदिशा मैत्रा को सिविल सर्विस में 39वां रैंक मिला था.

  • UN में भारत की सबसे जूनियर ऑफिसर हैं विदिशा
  • 2009 बैच की IFS ऑफिसर हैं विदिशा मैत्रा

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के झूठ को भारत ने कुछ ही घंटों में ध्वस्त कर दिया. इमरान खान के प्रोपेगैंडा को बेनकाब करने की जिम्मेदारी भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अपनी सबसे नई ऑफिसर विदिशा मैत्रा को दिया. विदिशा मैत्रा UN में भारत की प्रथम सचिव हैं और यूएन मिशन में वो भारत की सबसे नई अधिकारी हैं.  

गोल्ड मेडलिस्ट हैं विदिशा

विदिशा मैत्रा 2009 बैच की भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी हैं. विदिशा ने साल 2008 में सिविल सर्विस की परीक्षा पास की थी. उन्हें पूरे देश में 39वां रैंक मिला था. 2009 में ट्रेनिंग के दौरान उन्हें बेस्ट ट्रेनिंग ऑफिसर का अवॉर्ड मिला था.  

सुरक्षा परिषद से जुड़े काम का जिम्मा

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‘परमानेंट मिशन ऑफ इंडिया टू द यूएन’ की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र में पोस्टिंग के बाद उन्हें सुरक्षा परिषद रिफॉर्म से जुड़े मुद्दे देखने की अहम जिम्मेदारी दी गई है. वे सिक्युरिटी काउंसिल (पड़ोस/क्षेत्रीय) से जुड़े मुद्दे देखती हैं. विशेष राजनीतिक मिशन में उनकी अहम भूमिका रहती है.

इसे भी पढ़ें: UN में पाकिस्तान को खरी-खरी, भारत ने कहा- इमरान का भाषण नफरत से भरा

इसके अलावा गुट निरपेक्ष देशों के साथ समन्वय, शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की जिम्मेदारी भी उनके पास है. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र के जरिए दुनिया के नामी-गिरामी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और शिक्षण संस्थान से संपर्क करने का दायित्व भी विदिशा मैत्रा के पास है. 

विदिशा मैत्रा ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा दीं. विदिशा ने पूछा कि क्या इमरान खान इस बात से इनकार कर सकते हैं कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी करार दिए गए 130 दहशतगर्द और 25 संगठन पाकिस्तान में रहते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी करार दिए गए शख्स को पेंशन देता है. उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों की आवाज बुलंद करने का दावा करने वाले पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या 23 फीसदी से घटकर 3 फीसदी रह गई है. 

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