वन एवं पर्यावरण कानून का उल्लंघन के आरोप में उड़ीसा में 1.7 अरब डालर की बाक्साइट खनन परियोजना की मंजूरी सरकार द्वारा खत्म किये जाने पर वेदांता रिसोर्सेस ने कहा कि उसने कानून का कोई उल्लंघन नहीं किया और वह खनिज के वैकिल्पक स्रोत तलाशेगी.
कंपनी ने बयान जारी कर कहा, ‘वेदांता रिसोर्सेज इस बात की फिर पुष्टि करती है कि लांजीगढ़ अल्युमीना रिफाइनरी के मामले में किसी प्रकार विनियामकीय प्रावधानों का उल्लंघन नहीं किया गया है. नियामगिरी खदान हमारे अधिकार में नहीं है और जबतक सभी मंजूरी नहीं मिल जाती कोई भी खनन गतिविधियां नहीं होंगी.’ कंपनी ने यह भी कहा कि उड़ीसा सरकार बाक्साइट के वैकल्पिक खदान आवंटित करने पर विचार कर रही है.
उल्लेखनीय है कि केंद्र ने निजी क्षेत्र की वेदांता रिसोर्सेज समूह पर वन एवं पर्यावरण कानून के उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई करते हुए उड़ीसा में उसकी 1.7 अरब डालर की बाक्साइट खनन परियोजना की मंजूरी खत्म कर दी. साथ में उसे कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए यह पूछा है कि पर्यावरण नियमों के उल्लंघन को लेकर क्यों नहीं लांजीगढ़ रिफाइनरी को दी गयी मंजूरी समाप्त कर दी जानी चाहिए.